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बिमान बसु ने ममता बनर्जी से मांगा इस्तीफा

कोलकाता: सारधा मामले को लेकर मंगलवार को जोरदार रैली कर माकपा ने राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है. वाम मोरचा के चेयरमैन बिमान बसु ने शहीद मीनार मैदान में उत्तर 24 परगना माकपा की ओर से आयोजित सभा और नवान्न अभियान के दौरान कहा कि सारधा कांड से सरकार की छवि आम लोगों के […]

कोलकाता: सारधा मामले को लेकर मंगलवार को जोरदार रैली कर माकपा ने राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है. वाम मोरचा के चेयरमैन बिमान बसु ने शहीद मीनार मैदान में उत्तर 24 परगना माकपा की ओर से आयोजित सभा और नवान्न अभियान के दौरान कहा कि सारधा कांड से सरकार की छवि आम लोगों के बीच उजागर हो गयी है.

चिटफंड घोटाले में कैबिनेट मंत्री मदन मित्रा की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री को सरकार में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. बसु ने सारधा कांड का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में विभिन्न क्लबों को रुपये देने वाले के पास रुपये कहां से आये? उन्होंने मांग की है कि मदन मित्रा की संपत्ति का ब्योरा लिया जाये.

राजनीतिक हिंसा की घटनाओं को लेकर तृणमूल सरकार पर निशाना साधते हुए बसु ने आरोप लगाया कि वामपंथी कार्यकर्ताओं पर हमले नहीं थम रहे हैं. आरोप के मुताबिक मुख्यमंत्री राज्य में संविधान की धारा 356 लागू करने के पक्ष में दिखायी दे रही हैं लेकिन वामपंथी कभी इसका समर्थन नहीं करेंगे. तृणमूल सरकार की असफलता जनता समङो. राज्य के विकास के लिए कार्य नहीं किये जा रहे हैं. महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही है. बेरोजगारी बढ़ रही है. किसानों को उनकी उपज की उचित कीमत नहीं मिल रही है. केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए वामपंथी नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार की नीति जनविरोधी है. जिसका लगातार विरोध जारी रहेगा.

डॉ सूर्यकांत मिश्र ने भी सभा के दौरान सारधा कांड को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रवैये की आलोचना की. उन्होंने आरोप लगाया कि मदन मित्रा की गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी की बयानबाजी निंदनीय है. मुख्यमंत्री से भी पूछताछ होनी चाहिए. आरोप के मुताबिक सारधा कांड के तमाम पीड़ितों का रुपया वापस लौटाये जाने को लेकर तृणमूल सरकार ने कोई सजगता नहीं दिखायी है बल्कि विभिन्न मेले का आयोजन व दौरे में फिजूलखर्चीकी. सारधा की तरह अन्य चिटफंड कंपनियों पर लगाम कसना जरूरी है. इसके खिलाफ वामपंथी दलों का आंदोलन और व्यापक रूप लेगा.

सभा के दौरान राजनीतिक हिंसा में जान गंवाने वाले कार्यकर्ताओं के परिजनों को पार्टी की ओर से एक-एक लाख रुपये मुआवजा दिये गये. सभा समाप्ति के बाद नवान्न अभियान के तहत राजनीतिक हिंसा बंद करने, नारी सुरक्षा समेत 19 सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ज्ञापन सौंपने के लिए एक रैली नवान्न की ओर रवाना हुई लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया. मौके पर पूर्व सांसद तड़ित वरण तोपदार, सुजन चक्रवर्ती, रेखा गोस्वामी समेत अन्य तमान नेता मौजूद रहे.

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