कोलकाता: कोलकाता की एक अदालत ने गुरुवार को सारधा चिटफंड घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष, सारधा के प्रमुख सुदीप्त सेन और उसकी सहायक देबजानी मुखर्जी की न्यायिक हिरासत 22 दिसंबर तक बढ़ा दी. सत्र न्यायाधीश अरविंद मिश्र ने सीबीआइ के अनुरोध पर पर घोष, सेन और मुखर्जी की न्यायिक हिरासत 22 दिसंबर तक बढ़ाने का निर्देश दिया.
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सीबीआइ इस घोटाले की जांच कर रही है. न्यायाधीश ने सारधा समूह के वरिष्ठ अधिकारी मनोज निगेल का रिकॉर्ड भी मांगा. उसे राज्य पुलिस ने गिरफ्तार किया था और जुलाई में जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ के संभालने के बाद उसे भी जांच ब्यूरो को सौंप दिया गया था.
निगेल इस समय न्यायिक हिरासत में है और मामले में सीबीआई के आरोप पत्र में उसका नाम नहीं है. उसके वकील ने गुहार लगायी है कि उसे जमानत पर रिहा कर दिया जाये, क्योंकि उसे आरोप पत्र में नामजद नहीं किया गया है. हालांकि मामले में दर्ज प्राथमिकी में उसका नाम आया था और नवंबर से वह हिरासत में है.