कोलकाता : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिट फंड घोटाले के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया. उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने अल्प बचत योजनाओं में ब्याज दर को कम कर दिया, जिससे जमाकर्ताओं को धोखाधड़ीवाली योजनाओं का रुख करना पड़ा.
एक लेख में ममता ने लिखा है कि केंद्र सरकार ने डाकघर की अल्प बचत योजनाओं की ब्याज दर घटा दी. इससे गरीब लोगों व सेवानिवृत्त लोग इन चिट फंड कंपनियों में अपनी पूंजी इस उम्मीद के साथ लगाते रहे कि उन्हें बेहतर ब्याज दर मिलेगी. न सिर्फ केंद्र ने ब्याज दर घटायी, बल्कि उसने डाकघर की बचत योजनाओं के एजेंट के लिए कमीशन को भी कम कर दिया है.
ये सब बातें चिटफंड के फलने-फूलने में मददगार रही हैं. अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिये दिशानिर्देश में ममता ने कहा कि जनता को यह बात समझानी होगी कि सारधा समूह का चिट फंड घोटाला कांग्रेस व माकपा की नरमी के कारण हुआ.
पार्टी नेताओं को सलाह
सुश्री बनर्जी ने कहा : मैं अपनी पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों, मंत्रियों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों से कहना चाहती हूं कि लोगों को यह समझाने के लिए अभियान शुरू करना है कि माकपा और कांग्रेस के बढ़ावा देने से ही चिटफंड इकाइयां इतनी बड़ी संख्या में सामने आयी हैं. इस संबंध में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा : मौजूदा कानूनों के अनुसार केंद्र चिटफंड का संचालन करने के लिए लाइसेंस जारी करता है और यह अधिकार राज्य के पास नहीं होता. सारधा नाम के चिट फंड का मालिक लाखों निवेशक को रास्ते में छोड़कर फरार हो गया. हमारी पुलिस ने उसे और उसके दो साथियों को कश्मीर से गिरफ्तार किया. इसका श्रेय हमारी पुलिस को जाता है. इसके लिए मैं उनकी सराहना करती हूं.