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मनमाने ढंग से खानों के निजीकरण का होगा विरोध
कोयला एवं बिजली मंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र कोलकाता/नयी दिल्ली : कोयला खानों के निजीकरण के किसी भी प्रयास के खिलाफ चेतावनी देते हुए कोल इंडिया की पांच ट्रेड यूनियनों ने कहा है कि वे भावी कार्रवाई पर निर्णय करने के लिए जल्द ही बैठक करेंगी. इंडियन नेशनल माइन वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव एसक्यू […]
कोयला एवं बिजली मंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र
कोलकाता/नयी दिल्ली : कोयला खानों के निजीकरण के किसी भी प्रयास के खिलाफ चेतावनी देते हुए कोल इंडिया की पांच ट्रेड यूनियनों ने कहा है कि वे भावी कार्रवाई पर निर्णय करने के लिए जल्द ही बैठक करेंगी. इंडियन नेशनल माइन वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव एसक्यू जमा ने कोयला एवं बिजली मंत्री पीयूष गोयल को लिखे एक पत्र में कहा : पांच ट्रेड यूनियनों के वरिष्ठ नेता जल्द ही मुलाकात करेंगे और कोयला खानों का धीरे धीरे निजीकरण किये जाने की समस्या से निपटने के लिए भावी कार्रवाई पर निर्णय करेंगे.
उन्होंने कहा है : अति महत्वपूर्ण भागीदारों जैसे कोयला कर्मचारियों व ट्रेड यूनियनों का विचार सुने बगैर मनमाने ढंग से यह किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि हाल ही में एक अध्यादेश के जरिये निजी कंपनियों के लिए कोयला ब्लाकों की ई नीलामी को मंजूरी दी गयी है. पत्र में आगे कहा गया है कि अध्यादेश में चाहे दम हो या नहीं, कोल इंडिया के कर्मचारी एवं 5 ट्रेड यूनियनें भविष्य में निजी कंपनियों को वाणिज्यिक खनन की अनुमति देने वाले उपबंध को लेकर चिंतित हैं.
भले ही सरकार ने कहा है कि कोल इंडिया के हितों की पूरी तरह से रक्षा की जायेगी, पर यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसका समर्थन नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे धीरे धीरे एवं अप्रत्यक्ष रुप से कोयला खानों का निजीकरण होगा. कोल इंडिया के कर्मचारियों का पांच यूनियनें प्रतिनिधित्व करती हैं जिनमें इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), हिंद मजदूर सभा और आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) शामिल हैं.
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