केंद्रीय कपड़ा मंत्रलय ने हाल में इस बारे में राज्य के मुख्य सचिव संजय मित्र को पत्र लिखा है. सूत्रंे ने बताया कि राज्य का जूट उद्योग मांग की कमी के संकट से जूझ रहा है.
इससे उत्पादन में कटौती हुई है और यहां तक कि कई मिलें बंद हो गयी हैं. भारतीय जूट मिल संघ के पूर्व चेयरमैन संजय कजारिया ने बताया कि देश में कुल 84 जूट मिलांे में से 64 पश्चिम बंगाल में हैं. ये मिलें फिलहाल अपनी सिर्फ 60 फीसदी क्षमता पर परिचालन कर रही हैं, जिसके कारण लगभग एक लाख जूट श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं. कपड़ा मंत्रलय ने राज्य सरकार से निर्माण गतिविधियांे में जियो टेक्सटाइल के इस्तेमाल के अलावा राज्य में धान की पैकिंग के लिए जूट पैकेजिंग कानून का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है. इसके अलावा आलू की पैकेजिंग के लिए जूट बैगांे के इस्तेमाल करने को कहा है.