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एनआइए जांच का विरोध क्यों
ममता पर तुष्टिकरण की राजनीति के कारण चुप रहने का आरोप कोलकाता : बर्दवान विस्फोट कांड पर मुख्यमंत्री आखिर खामोश क्यों हैं. उनका कोई भी बयान इस संबंध में क्यों नहीं आया है. यह प्रश्न उठाया है प्रदेश भाजपा ने. संवाददाताओं से बातचीत में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि आज मुख्यमंत्री बर्दवान […]
ममता पर तुष्टिकरण की राजनीति के कारण चुप रहने का आरोप
कोलकाता : बर्दवान विस्फोट कांड पर मुख्यमंत्री आखिर खामोश क्यों हैं. उनका कोई भी बयान इस संबंध में क्यों नहीं आया है. यह प्रश्न उठाया है प्रदेश भाजपा ने. संवाददाताओं से बातचीत में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि आज मुख्यमंत्री बर्दवान विस्फोट की जांच एनआइए से कराने के खिलाफ हैं.
लेकिन वैदिक विलेज में विस्फोट के बाद जब वह विपक्ष की नेता थी, तब वह एनआइए से जांच कराने के पक्ष में थी. विस्फोट के तार बांग्लादेश तक जुड़े हैं. ऐसे में राज्य पुलिस इसकी जांच कैसे कर सकती है. जिस तरह सारधा और तृणमूल एक हो गये हैं वैसे ही आतंकी संगठनों के साथ तृणमूल का संबंध भी एक हो गया है. अब तक भारत की ओर से कहा जाता था कि आतंक का केंद्रबिंदु पाकिस्तान है. वहां की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकी हमले के लिए किया जाता है. यही आरोप तो अब भारत पर भी लग सकता है. बंगाल की जमीन का इस्तेमाल बांग्लादेश में आतंकी घटना के लिए किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री को चाहिए कि इस मुद्दे पर राजनीति न करते हुए एनआइ को जांच के लिए कहे. गृह मंत्री को गृह मंत्रलय की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि बंगाल सरकार ने एनआइए जांच में सहयोग नहीं किया है. यदि मामले में दो-चार स्थानीय तृणमूल नेताओं के शामिल होने की बात सामने आती है तो क्या आफत आ जायेगी. उन्हें जांच एनआइ से ही कराना चाहिए.
श्री सिन्हा ने कहा कि यदि एनआइए जांच सरकार नहीं कराती है तो वह अदालत में मामला भी कर सकते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में उग्रवादियों के गढ़ के पीछे ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति ही जिम्मेदार है.
मदरसों में देश विरोधी प्रशिक्षण देने का आरोप
राज्य में 10 हजार मदरसे को स्वीकृति दी गयी. कई ऐसे भी मदरसे हैं, जहां भारत विरोधी प्रशिक्षण दिया जाता है. उन्हें बंद किये जाने की जरूरत है. ममता बनर्जी ने सिमी के अध्यक्ष तक को सांसद बना दिया है. कलम पत्रिका के जरिये जिहादियों को उत्साहित किया जाता रहा है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोलकाता बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है.
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