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मणिपुर की झील में ढूंढ़े जा रहे तीन विमान

कोलकाता : शोधकर्ताओं के एक समूह ने मणिपुर की लोकतक झील में ऐसे स्थानों की पहचान की है, जहां वर्ष 1944 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दो जापानी लड़ाकू और एक ब्रितानी बमवर्षक विमान डूब गये थे. लंदन की वर्मा कैंपेन सोसाइटी से विमान से जुड़े आधिकारिक रिकॉर्ड हासिल करने के बाद सेकेंड वल्र्ड […]

कोलकाता : शोधकर्ताओं के एक समूह ने मणिपुर की लोकतक झील में ऐसे स्थानों की पहचान की है, जहां वर्ष 1944 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दो जापानी लड़ाकू और एक ब्रितानी बमवर्षक विमान डूब गये थे. लंदन की वर्मा कैंपेन सोसाइटी से विमान से जुड़े आधिकारिक रिकॉर्ड हासिल करने के बाद सेकेंड वल्र्ड वार कैंपेन फाउंडेशन के सदस्य अब पानी के नीचे दबे इतिहास के टुकड़ों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
संस्था के सह- संस्थापक यमनाम राजेश्वर सिंह ने बताया कि हमने ब्रिटेन की द्वितीय विश्व युद्ध संबंधी विभिन्न संस्थाओं से मिले सभी आंकड़ों तथा स्थानीय और प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी को एक साथ मिलाया है. हमने ऐसे तीन स्थानों की पहचान की है, जहां इन विमानों के मलबे दबे हैं. 17 जून 1944 को ऑस्कर नामक दो जापानी लड़ाकू विमानों को ब्रितानी बलों ने मार गिराया था और वे लोकतक झील में गिर गये थे. इसी दिन ब्रितानी बमवर्षक विमान ‘वेलिंग्टन’ भी इसमें गिर गया था.
श्री सिंह ने कहा कि जीपीएस तकनीकी एवं पानी के अंदर उपयोग में लाये जानेवाले उपकरणों से लैस 50 स्वयंसेवियों का एक दल सात शोधकर्ताओं के नेतृत्व में मलबे का पता लगाने के लिए लोकतक झील की तलहटी में खोज कर रहा है. उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद लोगों ने विमान के एल्यूमिनियम वाले हिस्से को कबाड़ में बेच दिया था, लेकिन 600 किलोग्राम का इंजन अभी भी नीचे ही पड़ा है. हमें यह जानकारी उस समय बच गये कुछ लोगों से मिली है.

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