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10 को अचल हो सकती है परिवहन व्यवस्था

कोलकाता: सीटू व एटक के आह्वान पर 10 सितंबर को महानगर की परिवहन व्यवस्था चरमरा सकती है. 10 सितंबर को दोपहर तीन बजे टैक्सी सहित विभिन्न परिवहन संगठनों की ओर से महा जुलूस निकाला जायेगा. यह महा जुलूस कॉलेज स्क्वायर से निकाली जायेगी, जो धर्मतल्ला वाइ चैनल पर समाप्त होगी. वहां सभा के माध्यम से […]

कोलकाता: सीटू व एटक के आह्वान पर 10 सितंबर को महानगर की परिवहन व्यवस्था चरमरा सकती है. 10 सितंबर को दोपहर तीन बजे टैक्सी सहित विभिन्न परिवहन संगठनों की ओर से महा जुलूस निकाला जायेगा.

यह महा जुलूस कॉलेज स्क्वायर से निकाली जायेगी, जो धर्मतल्ला वाइ चैनल पर समाप्त होगी. वहां सभा के माध्यम से चालकों के अगले आंदोलनों की कार्यसूची की घोषणा की जायेगी. इसमें अनिश्चित कालीन हड़ताल से लेकर बृहत्तर आंदोलन की घोषणा हो सकती है.

सोमवार को एटक भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन (एटक) के महासचिव नवल किशोर श्रीवास्तव ने इसकी घोषणा की. इस अवसर पर एकराम खान, अवनीश शर्मा, मुकेश तिवारी, दिलीप महतो, कपिलदेव दास व अरुप मंडल आदि उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि बार-बार आग्रह व ज्ञापन के बावजूद परिवहन विभाग की नींद नहीं टूटी है. टैक्सी चालकों पर पुलिस का अत्याचार जारी है. 28 अगस्त से अब तक कई बार चिट्ठी व ज्ञापन दिये हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है. ऐसी स्थिति में उन लोगों के पास बृहत्तर आंदोलन के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा है. इस संकट की स्थिति राज्य सरकार ने ही पैदा की है. नो रिफ्यूजल के नाम पर टैक्सी चालकों पर गैर कानूनी रूप से मामले किये जा रहे हैं.

इसके खिलाफ राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, परिवहन सचिव, कोलकाता पुलिस आयुक्त, एडीजी (ट्रैफिक), डीसी (ट्रैफिक) को ड्राइवरों के लाइसेंस गैर कानूनी रूप से रद्द करने तथा उन पर मुकदमा दायर करने के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजी गयी है. उन्होंने कहा कि सात दिन का जवाब देने का समय दिया गया है, यदि कोई जवाब नहीं मिला, तो उनका संगठन इन अधिकारियों के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर किया जायेगा. इसके साथ ही अभी तक 172 टैक्सी चालकों के लाइसेंस रद्द कर दिये गये हैं. उसकी जब्त सूची के साथ परिवहन विभाग को नोटिस भेजेंगे. यदि जवाब नहीं मिला, तो फिर मुकदमा किया जायेगा.

वहीं, सीटू के वरिष्ठ नेता श्यामल सेन ने चेतावनी देते हुए कहा कि परिवहन श्रमिकों के महा जुलूस में यदि कोई घटना घटती है, तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी. उन्होंने कहा कि बार-बार आवेदन के बावजूद परिवहन विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया है. ऐसी स्थिति में बृहत्तर आंदोलन के सिवा उन लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है. धर्मतल्ला की सभा में आम लोगों की सहमति से बृहत्तर आंदोलन की घोषणा की जायेगी.

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