आरएसएस समर्थित संगठनों की वेबसाइट लांच
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अयोध्या मामले में अपडेट देगा अयोध्याफैक्ट्स.ओआरजी
आरएसएस समर्थित संगठनों की वेबसाइट लांच कोलकाता : भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के रिटायरमेंट (17 नवंबर) से पहले अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है. इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान बेंच फैसला सुना सकती है. इस फैसले के पहले अयोध्या मामले के […]
कोलकाता : भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के रिटायरमेंट (17 नवंबर) से पहले अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है. इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान बेंच फैसला सुना सकती है. इस फैसले के पहले अयोध्या मामले के जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी आम लोगों को उपलब्ध करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक समर्थित संगठनों द्वारा अधोध्याफैक्ट्स. ओआरजी वेबसाइट लांच की गयी है. इस वेबसाइट में अयोध्या मामले की विस्तृत जानकारी और पृष्ठभूमि और वर्तमान परिस्थिति की विस्तृत जानकारी उपलब्ध है.
क्या है अयोध्याफैक्ट्स.ओआरजी
अयोध्याफैक्ट्स.ओआरजी अयोध्या में राम जन्मभूमि मेें पूजा के अधिकार के संघर्ष की सही तस्वीर पेश करने की कोशिश है. वेबसाइट में कहा गया है : प्रोजेक्ट अयोध्या फैक्ट्स के माध्यम से देश के प्रत्येक भारतीय नागरिक के पास पहुंचना उद्देश्य है. चाहे वह जन्म से भारतीय हो या नागरिकता से या फिर हृदय से, हम अयोध्या आंदोलन की जानकारी उपलब्ध करायेंगे, जो पहले से ही आम लोगों की जानकारी में है, लेकिन जिन्हें गलत ढंग से पेश किया गया है. इसके साक्ष्य में रिपोर्ट, प्रमाणगत तथ्य तथा खुदाई से मिले साक्ष्य पेश करने की कोशिश की गयी है.
इतिहास से लेकर वर्तमान सभी कुछ है वेबसाइट में
वेबसाइट को कई सेक्शन में बांटा गया है कि होम में वेबसाइट की जानकारी है. एबाउट अस में वेबसाइट के उद्देश्य, हिस्ट्री में अधोध्या मामले के इतिहास के साथ-साथ गैलरी में विभिन्न जानकारियों तथा इस मामले में पुस्तक और रेफरेंस आदि उपलब्ध कराये गये हैं. अयोध्या मामले में मुगल काल से लेकर अभी तक की पूरी जानकारी वेबसाइट में उपलब्ध करायी गयी है.
अयोध्या मामले का सही तथ्य उपलब्ध कराना लक्ष्य
वेबसाइट लांच करनेवाले आरएसएस समर्थित संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि अगले 10 दिनों में अयोध्या मामले में मुख्य न्यायाधीश गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान बेंच का महत्वपूर्ण फैसला आना है. निर्णय जो भी आये, उसे सभी को खुले मन को स्वीकार करना चाहिए. निर्णय के पश्चात देशभर का वातावरण सौहर्दपूर्ण रहे. इसके लिए यह जरूरी है कि इस मामले से जुड़े सही तथ्य आम लोगों को उपलब्ध कराये जायें. उन्हें मामले के ऐतिहासिक महत्व व परिपेक्ष्य की जानकारी दी जाये, जिससे लोगों के पास गलत जानकारी नहीं पहुंचे. लोगों में भ्रम पैदा नहीं हो.
यह एक ऐसा अवसर है, जब देश के समक्ष ऐतिहासिक भूल को सुधारने का मौका है और समाज का प्रत्येक वर्ग चाहता है कि फैसला आये और समस्या का समाधान हो. देश भी मानसिक रूप से फैसले के लिए तैयार है. समाज सतर्क है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार भी इस बारे में ऐतिहातिक कदम उठा रही है. उम्मीद कि हर परिस्थिति में देश और राज्य का वातावरण सौहर्दपूर्ण बना रहेगा.
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