कोलकाता : महानगर के सुपरिचित व्यक्तित्व सांवरमल भीमसरिया एक जाने-माने समाजसेवी थे और कोलकाता नगर निगम के पार्षद रह चुके थे. धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्रों के वे एक सक्रिय कार्यकर्ता थे. सांवरमल जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सराफ ने कहा कि वे एक लंबे समय से अत्यंत सक्रिय रुप से सम्मेलन से जुड़े हुए थे.
Advertisement
कोलकाता : सांवरमल भीमसरिया का अप्रत्याशित निधन अत्यंत दु:खद
कोलकाता : महानगर के सुपरिचित व्यक्तित्व सांवरमल भीमसरिया एक जाने-माने समाजसेवी थे और कोलकाता नगर निगम के पार्षद रह चुके थे. धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्रों के वे एक सक्रिय कार्यकर्ता थे. सांवरमल जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सराफ ने कहा कि वे एक लंबे […]
वे कोलकाता मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष एवं सम्मेलन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य रह चुके थे. श्री सराफ ने कहा कि पूरा सम्मेलन परिवार इस घटना से शोकमग्न है और दिवंगत आत्मा के प्रति अपनी हार्दिक पुष्पाजंलि अर्पित करते हुए परमेश्वर से उनकी उच्च गति की प्रार्थना करता है.
चुरू के रतननगर के निवासी थे सांवरमल भीमसरिया
सांवरमल भीमसरिया मूल रूप से राजस्थान के चुरू जिले के रतननगर के निवासी थे. वे वर्ष 1968 में महानगर आये. नौकरी से शुरुआत करने वाले भीमसरिया ने बाद में परिवहन व्यवसाय में कदम रखा और सफलता प्राप्त की. वे जोड़ासांको इलाके के ताराचंद दत्ता रोड इलाके में रहते थे.
वे कई वर्षों तक कांग्रेस से जुड़े रहे. वर्ष 1984 में उन्होंने कोलकाता नगर निगम के वार्ड नंबर 43 से चुनाव जीता और पार्षद बने. वह बोरो 5 के चेयरमैन भी रहे. वे कई धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े थे. भीमसरिया कोलकाता मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष भी चुके थे. उन्होंने राजस्थान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जुड़े विषयों पर कुछ पुस्तकें भी लिखी थीं.
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ वर्षों से वे सामाजिक जीवन से कटे हुए थे. राजनीतिक जीवन में भी वे वर्षों से सक्रिय नहीं थे. उनके निधन पर कोलकाता के राजनीतिक – सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी है. शहर में विभिन्न समाज से जुड़े लोगों ने सांवरमल की मौत पर शोक जताया है.
सांवरमल आत्महत्या नहीं कर सकते : सीताराम शर्मा
हिंदुस्तान क्लब के पूर्व अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने कहा, ‘सांवरमल जैसा जिंदादिल, हंसमुख, कविहृदय व मस्त व्यक्ति आत्महत्या कर सकता है, यह मेरे ही नहीं किसी के भी समझ से परे है. एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में ही नहीं, व्यक्तिगत रूप से भी मेरे उनसे घनिष्ठ संबंध थे.
वे उन कुछ व्यक्तियों में थे, जो समाज के और देश के बारे में सोचा करते थे. जिस व्यक्ति का संग दूसरों को आनंद देता हो, उस व्यक्ति के इस तरह संसार से चले जाने पर बहुत मानसिक कष्ट हुआ है.
उनकी आत्महत्या समाज के लिए एक चिंता पैदा करती है एवं उन परिस्थितियों को समझने एवं सुलझाने की आवश्यकता है, जिन्होंने ऐसे व्यक्ति को यह कदम उठाने के लिए बाध्य किया. उनका सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों में बहुत बड़ा योगदान रहा है और यह समाज के लिए एवं व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए एक अपूरणीय क्षति है.’
कांग्रेस ने शोक जताया : पूर्व पार्षद और समाजसेवी सांवरमल भीमसरिया की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में प्रदेश कांग्रेस ने शोक जताते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की है.
एआइसीसी के सदस्य तपन अग्रवाल ने कहा, अपने मिलनसार स्वाभाव के कारण भीमसरिया लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे. कवि स्वभाव के भीमसरिया की अचानक यह मौत कई सवाल खड़े कर रहे हैं, लिहाजा इसकी मुकम्मल जांच होनी चाहिए.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement