कोलकाता: पंचायत चुनाव में अर्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती को लेकर चल रहे अटकलों पर आखिरकार विराम लग ही गया. केंद्र सरकार ने यहां पंचायत चुनाव के लिए अर्धसैनिक बल नहीं भेजने का फैसला किया है. इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रलय ने राज्य के मुख्य सचिव को चिट्ठी के माध्यम से यह जानकारी दे दी है ऐसी परिस्थिति में राज्य सरकार को अपने सशस्त्र बल व संसाधनों से ही चुनाव कराना होगा.
यह जानकारी बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राइटर्स बिल्डिंग में दी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से पंचायत चुनाव के लिए 300 कंपनी की मांग की थी, जिसे केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया है. केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कह दिया है कि उसके पास अतिरिक्त फोर्स नहीं है, इसलिए वह राज्य सरकार की मदद नहीं कर सकती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव के सशस्त्र बलों की मांग करते हुए राज्य सरकार ने तीन राज्यों को पत्र लिखा है. उन्होंने स्वयं पंजाब, मध्य प्रदेश व ओड़िशा के मुख्यमंत्रियों से इस संबंध बातचीत की है. लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कह दिया है कि उनके राज्य में माओवाद की समस्या है, इसलिए वहां से सशस्त्र बल के जवान दे पाना संभव नहीं है.
दूसरी ओर, पंजाब व ओड़िशा के मुख्यमंत्री ने सशस्त्र बल देने की बात कही है, लेकिन उनके यहां से भी कितने जवान आयेंगे, यह कह पाना मुश्किल है, इसलिए वहां से जितने भी आयेंगे, उन्हें लेकर ही पंचायत चुनाव कराना होगा. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में राज्य व कोलकाता पुलिस के साथ ही होमगार्ड व सिविल पुलिस को भी नियुक्त किया जायेगा.