आज विश्व हाइपरटेंशन डे, स्वास्थ्य भवन में हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन
कोलकाता : लगातार बदल रही लाइफ स्टाइल और तनाव की वजह से हर पांचवा व्यक्ति उच्च रक्तचाप से ग्रस्त है. डॉक्टरों की मानें तो ओपीडी में आनेवाले अधिकांश मरीजों को पता ही नहीं होता है कि उन्हें हाइब्लड प्रेशर की शिकायत है. इस वजह से हार्ट डिजीज और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी दोगुना बढ़ गया है. लाइफ स्टाइल में थोड़ा सा बदलाव कर बहुत हद तक इस बीमारी से बचा जा सकता है. इस विषय में डॉ के माइती से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि लोगों में हाइपरटेंशन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है.
हाइपरटेंशन से बढ़ जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
एसएसकेएम हॉस्पिटल के पूर्व चिकित्सक डॉ माइती ने बताया कि हाइपरटेंशन की वजह से ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा दोगुना बढ़ जाता है. ऊपर का ब्लड प्रेशर हर 10 एमएम हीमोग्राम बढ़ने से इस्कीमिक स्ट्रोक (नस ब्लड का थक्का जमना) का खतरा करीब 28 प्रतिशत तथा हैमेरेजिक स्ट्रोक (नस फटना) का खतरा करीब 38 प्रतिशत बढ़ता है. वहीं अगर आप ऊपर का ब्लड प्रेशर 10 एमएम हीमोग्राम से घट जाये तो स्ट्रोक होने का खतरा 44 प्रतिशत तक घट जाता है. यदि किसी व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है और उसे काफी अधिक तनाव भी है तो उसका रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ेगा और मस्तिष्क की धमनी रक्तचाप में अधिक वृद्धि का सामना नहीं कर पायेगी और वह या तो फट जायेगी या मस्तिष्क की धमनी में रुकावट पैदा होगी.
ऐसे रखें अपना ख्याल
सुबह 30-40 मिनट टहलें, खाने में दो ग्राम तक नमक का इस्तेमाल करें, अगर हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है तो डॉक्टर से नियममित रूप से जांच कराये. स्मोकिंग और अल्कोहल से बचे.
स्वास्थ्य जांच शिविर का होगा आयोजन
विश्व हाइपरटेंशन डे के मौके पर जागरूकता के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी विशेष पहल की गयी है. स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता के लिए ‘नो योर नंबर’ थीम जारी किया है. वहीं शुक्रवार को सॉल्टलेक स्थित स्वास्थ्य भवन (राज्य स्वास्थ्य विभाग) में स्वास्थ्य जांच शिविर की व्यवस्था की गयी है. जहां सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक विभाग के विभिन्न आला अधिकारियों व कर्मचारियों की हाइपरटेंशन (रक्तचाप) की जांच की जायेगी.