बैरकपुर, बारासात समेत कई इलाकों में है दबदबा
चार नगर पालिका समेत सात से आठ विधानसभा क्षेत्रों में है प्रभाव
बैरकपुर से बन सकते हैं भाजपा प्रत्याशी
कोलकाता : भाजपा में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए जब अर्जुन सिंह ने कहा कि चुनावी महाभारत में मुकुल कृष्ण हैं और मैं अर्जुन. अर्जुन के इस बयान पर मुकुल राय ने जोरदार ठहाका लगाया. इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय के साथ वह काफी देर तक पश्चिम बंगाल में राजनीतिक समीकरण पर चर्चा किये. इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय, मुकुल राय और अर्जुन सिंह कोलकाता के लिए रवाना हो गये.
अर्जुन सिंह के भाजपा में शामिल होने के दौरान दिल्ली में मौजूद प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के नेता नवीन मिश्रा ने कहा कि अर्जुन सिंह के आने के बाद बैरकपुर सीट सीधे भाजपा के खाते में जा रही है. इसका सीधा असर उत्तर कोलकाता व दक्षिण कोलकाता की सीट के साथ उत्तर 24 परगना और बर्दवान-दुर्गापुर के अलावा आसनसोल की सीट पर पड़ेगा. अर्जुन सिंह भाटपाड़ा से विधायक हैं. भाजपा उन्हें बैरकपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बना सकती है. तृणमूल ने सांसद दिनेश त्रिवेदी को इस सीट से टिकट दिया है. यह क्षेत्र मुख्य रूप से हिंदी भाषियों के वर्चस्व वाला है.
अर्जुन सिंह का प्रभाव सिर्फ उनके अपने विधानसभा ही नहीं आसपास के चार नगर पालिका समेत सात से आठ विधानसभा क्षेत्रों में है. पिछले 20 सालों से बैरकपुर बारासात समेत कई इलाकों में उनका प्रभाव और दबदबा है. श्री सिंह ने तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा टिकट से वंचित होने के कुछ घंटों बाद कहा था सांसद दिनेश त्रिवेदी के निर्वाचन क्षेत्र से बाहर होने के कारण मतदाता खुश नहीं थे.
अर्जुन सिंह ने कहा, इस बार मैं बैरकपुर से टिकट की उम्मीद कर रहा था. निर्वाचन क्षेत्र से उनकी अनुपस्थिति के लिए लोग त्रिवेदी से नाराज हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट देने का फैसला किया. मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है. पिछले दिनों यह पूछे जाने पर कि क्या वह कुछ अन्य असंतुष्ट तृणमूल सांसदों और नेताओं की तरह भाजपा में शामिल होने की योजना बना रहे थे तो सिंह ने कहा था, मेरे भाजपा में कई रिश्तेदार हैं. चलो देखते हैं.
मैं आने वाले दिनों में एक निर्णय लूंगा. अर्जुन सिंह ने कहा, पार्टी से टिकट की उम्मीद में कुछ भी गलत नहीं है. लोगों से मांग थी कि मुझे पार्टी का उम्मीदवार बनाया जाये, लेकिन पार्टी ने सोचा कि दिनेश त्रिवेदी सबसे योग्य दावेदार हैं.
पिछले कुछ दिनों से अर्जुन सिंह के समर्थक बैरकपुर, भाटपाड़ा, बीजापुर और नैहाटी क्षेत्रों में आक्रामक रूप से प्रचार कर रहे थे और संकेत दे रहे थे कि अगर वह इस बार संसदीय टिकट से वंचित रह जाते हैं तो वे भगवा पार्टी में बदल सकते हैं.