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संपत्ति बेच कर बचायें सार्वजनिक क्षेत्र

कोलकाता : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) की अनुत्पादक संपत्तियों को बेचकर उन्हें बचाया जाना चाहिए. रविवार को भारतीय सांख्यिकी संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री शौरी ने कहा कि हमें अपनी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां बचाने […]

कोलकाता : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) की अनुत्पादक संपत्तियों को बेचकर उन्हें बचाया जाना चाहिए. रविवार को भारतीय सांख्यिकी संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री शौरी ने कहा कि हमें अपनी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां बचाने के लिए उनकी अनुत्पादक संपत्तियां बेचनी चाहिए.

श्री शौरी ने कहा कि पिछली एनडीए सरकार में जब वह विनिवेश मंत्री थे, तब हमने पाया कि विदेश संचार निगम लिमिटेड (वीएसएनएल) के पास कई शहरों में प्रमुख जगहों पर 700 एकड़ जमीनें थीं. अब यदि ऐसी अनुत्पादक संपत्तियां बेच दी जायें, तो इससे करोड़ों का राजस्व प्राप्त किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि देश में सात ऐसे बैंक थे, जिन पर फंसे हुए कर्ज (एनपीए) का भारी बोझ था. भाजपा के इस पूर्व सांसद ने कहा कि उन्हें पुनर्पूजीकरण के लिए 400000 करोड़ रुपये की जरूरत थी. आप उनका राजस्व बढ़ा भी नहीं सकते थे और न ही उनका खर्च घटा सकते थे. श्री शौरी ने कहा कि बैंकों के लिए पूरे ब्योरे का खुलासा करना जरूरी कर दिया जाना चाहिए. किसी का नाम लिये बगैर शौरी ने कहा कि भारत में एक कॉरपोरेट घराने पर बैंकों के 122000 करोड़ रुपया कर्ज हैं, जबकि एक अन्य पर बैंकों का 58000 करोड़ रुपये का कर्ज है.

रक्षा क्षेत्र के मुद्दे पर श्री शौरी ने कहा कि थलसेना का 88 फीसदी बजट वेतन, पेंशन भुगतान व रखरखाव के अन्य कार्यो पर खर्च होता है. उन्होंने आश्चर्य जताया कि यदि ऐसा ही रहा तो हम अपने रक्षा बलों का आधुनिकीकरण कैसे कर पायेंगे और चीन का सामना कैसे करेंगे. श्री शौरी ने कहा कि हर साल मानसून के दौरान कई टन अनाज खुले में सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है, क्योंकि तब भारतीय खाद्य नियम (एफसीआइ) उसे सस्ते दरों पर शराब उद्योग को भेज सकता है.

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