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कोलकाता : ममता बनर्जी बना रही हैं योग्य व अयोग्य नेताओं की सूची, तृणमूल के कई सांसदों का कट सकता है पत्ता

नवीन कुमार राय, कोलकाता : विष्णुपुर के सांसद सौमित्र खां और बोलपुर के सांसद अनुपम हाजरा के बाद अगला नंबर किसका इस बात को लेकर भाजपा के अंदर ही चर्चा तेज हो गयी है. लोकसभा चुनाव करीब है, लिहाजा तृणमूल भवन में परफारमेंस संतोषजनक नहीं दिखा पाने वाले नेताओं के नाम पर लाल दाग लगना […]

नवीन कुमार राय, कोलकाता : विष्णुपुर के सांसद सौमित्र खां और बोलपुर के सांसद अनुपम हाजरा के बाद अगला नंबर किसका इस बात को लेकर भाजपा के अंदर ही चर्चा तेज हो गयी है. लोकसभा चुनाव करीब है, लिहाजा तृणमूल भवन में परफारमेंस संतोषजनक नहीं दिखा पाने वाले नेताओं के नाम पर लाल दाग लगना शुरू हो गया है.
हालांकि इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक रूप से कुछ कहने को तैयार नहीं है. अलबत्ता लोग यह जरूर कह रहे हैं कि अंतिम फैसला ममता बनर्जी खुद लेंगी. लिहाजा किसको टिकट मिलेगा और किसका पत्ता साफ होगा, यह सवाल तृणमूल कांग्रेस में लाख टके का हो गया है.
गैर आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए योग्य व अयोग्य नेताओं की सूची बना रही हैं. सांसद होकर ना तो जनता का काम किया और न ही पार्टी हित में सक्रिय रहे.
ऐसे नेताओं की सूची बन रही है. इन लोगों को इस बार टिकट नहीं मिलेगा यह तय है. हालांकि सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय और सौगत राय को लेकर शुरू में चर्चा हो रही थी कि इन लोगों की उम्र हो गयी है.
लिहाजा इनको पार्टी के काम में लगाया जाये, लेकिन लोकसभा में दोनो नेताओं का परफारमेंस इतना बेहतरीन है कि लिस्ट में इन लोगों का नाम काम के सांसदों की सूची में आ गया है. हालांकि सौमित्र खां और अनुपम हाजरा के बारे में पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसके अलावा पांच अन्य सांसदों का नाम तृणमूल की सुची में बतायी जा रही है.
सबसे पहले नाम आ रहा है बंगाल फिल्म के स्टार कलाकार तापस पाल का. उनके गैरजिम्मेवाराना बयान और रोजवैली कांड समेत कई मामलों में उनकी वजह से तृणमूल कांग्रेस की किरकिरी हुई है. संसद में उनकी भूमिका भी नकारात्मक तो रही ही साथ में पार्टी को भी वह वक्त नहीं दिये हैं.
लिहाजा उनका पत्ता कटना तय माना जा रहा है. दूसरा नाम प्रसून बनर्जी का है. हावड़ा के इस सांसद को तृणमूल कांग्रेस टिकट नहीं दे सकती है. उन पर भी आरोप है कि पार्टी के कामों में इन्होंने रुचि न के बराबर दिखायी है. इसके अलावा संसद में भी उनकी भूमिका संतोषजनक नहीं रही है. तीसरा नाम संध्या राय का आ रहा है.
मेदनीपुर की सांसद को तृणमूल कांग्रेस के अंदर मौनी बाबा के रूप में जाना जाता है. संसद में उन्हें कभी भी मुखरित होते किसी ने नहीं देखा. पार्टी के कामों में भी उनकी मौजूदगी न के बराबर रही है. चौथा नंबर सांसद मुनमुन सेन का है. बांकु़ड़ा से माकपा के हेवीवेट नेता बासुदेव आचार्या को हराकर सुर्खियों में आने वाली इस अभिनेत्री को पार्टी के पैमाने पर योग्य नहीं माना जा रहा है. संभवत: इस बार उनको भी टिकट नहीं मिलेगा.
इसके अलावा आरामबाग के सांसद अपरूपा पोद्दार का भी नाम है. उनका नाम नारद कांड में आ चुका है और तृणमूल कांग्रेस के अंदरखाने में चर्चा है कि वह मुकुल राय के साथ लगातार संपर्क में हैं. वह भाजपा में जा रही हैं यह बात कोई दावे के साथ नहीं कह रहा है, लेकिन उनके परफारमेंस से पार्टी खुश नहीं है.
इसके अलावा इदरिश अली का भी नाम चर्चा में है, लेकिन उनके नाम पर अभी फाइनल मोहर लगनी बाकी है. हर किसी की निगाह ममता बनर्जी पर टिकी है, क्योंकि किसको टिकट मिलेगा और किसको नहीं, यह वही तय करती हैं. अभिषेक बनर्जी ने घोषणा की थी कि पार्टी में नये और काम करनेवाले चेहरों को तरजीह मिलेगी. इससे लग रहा है कि जल्द ही और कई लोगों का विकेट गिरनेवाले हैं.

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