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बंगाल में मोदी की ढाल हैं ममता : भाकपा

कोलकाता : एक तरफ राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरे देश में भाजपा के खिलाफ विरोधी दलों की एकजुटता की बात कह रही हैं लेकिन जब बात पश्चिम बंगाल की हो तो नीति परिवर्तित क्यों हो जाती है? भाजपा की नीतियों के खिलाफ होने वाले आंदोलन को राज्य में सत्ता और प्रशासन के दम पर […]

कोलकाता : एक तरफ राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरे देश में भाजपा के खिलाफ विरोधी दलों की एकजुटता की बात कह रही हैं लेकिन जब बात पश्चिम बंगाल की हो तो नीति परिवर्तित क्यों हो जाती है?
भाजपा की नीतियों के खिलाफ होने वाले आंदोलन को राज्य में सत्ता और प्रशासन के दम पर कुचलने का प्रयास क्यों किया जाता है? ऐसा कई बार हो चुका है, जब वामपंथी दलों के आंदोलन को दबाने का प्रयास किया गया. कथित तौर पर देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरोधी मुक्त भारत की बातें कह रहे हैं, वहीं राज्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विरोधी मुक्त राज्य की बात कह रही हैं. असली बात यह है कि राज्य में भाजपा की ढाल तृणमूल कांग्रेस यानी मोदी की ढाल ममता हैं.
राज्य में तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान भाजपा अपना दायरा बढ़ा रही है. यह आरोप भाकपा के प्रदेश सचिव स्वपन बनर्जी ने लगाया है. वे रविवार को महानगर स्थित भाकपा के पश्चिम बंगाल राज्य परिषद के मुख्यालय भूपेश भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
सम्मेलन के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही धर्म के नाम पर राजनीति कर रही हैं. दोनों की नीतियों में कोई फर्क नहीं है. दोनोंं दलों के बीच आपसी सांठगांठ हो चुका है.
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अब लोगों को भ्रमित करने की सिलसिला पूरे देश में शुरू हो गया है. सत्ता में आने से पहले भाजपा की ओर से कई वायदे किये गये थे. उनमें से एक भी पूरे नहीं हुए. पूरे देश में किसान, श्रमिक वर्ग और आम लोगों की विषम स्थिति है.
असली मुद्दे पर ध्यान से हटाने के लिये धर्म की बात कह लोगों के सेंटिमेंट से खेला जा रहा है. पश्चिम बंगाल की स्थिति भी भिन्न नहीं है. कथित तौर पर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच त्योहार मनाये जाने को लेकर प्रतियोगिताएं हो रही हैं. राज्य में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी त्योहार पर सरकारी खजाने से क्लबों को अनुदान दिये गये हैं. ऐसी स्थिति में लोगों को सचेत किये जाने की काफी जरूरत है.
यही वजह है भाकपा ब्लॉक स्तर पर प्रचार अभियान में जुटी है, जो 26 दिसंबर तक लगातार चलेगा. दिल्ली में 28-29 नवंबर को 214 किसानों संगठनों द्वारा किये जाने वाले प्रस्तावित आंदोलन का पार्टी ने समर्थन जताया है. छह दिसंबर को वामपंथी दलों की ओर से सांप्रदायिक सौहार्द दिवस का पालन किया जायेगा. महानगर में 17 वामपंथी दलों की कार्यसूची मेें भाकपा भी शामिल होगी. भाजपा नीति केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 26 दिसंबर को महानगर में भाकपा की महारैली व सभा आयोजित की जायेगी.
अगले वर्ष 8-9 जनवरी को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाये जाने वाले प्रस्तावित हड़ताल को सफल बनाने का भी आह्वान भाकपा की ओर से किया गया है. संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डॉ के नारायणन, प्रदेश एटक के महासचिव उज्जवल चौधरी समेत अन्य गणमान्य मौजूद रहे.
कोलकाता : तृणमूल की ब्रिगेड सभा में शामिल नहीं होने के पक्ष में प्रदेश भाकपा
कोलकाता : प्रदेश भाकपा आगामी 19 जनवरी को तृणमूल कांग्रेस की प्रस्तावित ब्रिगेड सभा में शामिल नहीं होने के पक्ष में है. रविवार को पार्टी के प्रदेश सचिव स्वपन बनर्जी ने यह पूरी तरह से साफ कर दिया.
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी कथित तौर पर भाजपा विरोधी दलों के एकजुट होने की बात कह रही हैं, वहीं राज्य में तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में भाजपा फूल-फल रही है.
आरोप के अनुसार राज्य में भाजपा विरोधी दलों को कुचला जा रहा है. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस की नीति पर संशय बना हुआ है. वह भाजपा के पक्ष में है या विपक्ष में, यह साफ नहीं है. भाकपा नेता ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने प्रस्तावित ब्रिगेड सभा के आमंत्रण के लिये भाकपा केंद्रीय परिषद के पास पत्र भेजा है.
पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने इस पर भाकपा पश्चिम बंगाल राज्य परिषद से राय मांगा था. प्रदेश भाकपा ने अपना पक्ष पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा दिया है. आगामी 11 दिसंबर को पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व उपरोक्त विषय पर फैसला लेगी.

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