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शहरीकरण, पेड़ों की कटाई से वज्रपात में हुआ इजाफा
कोलकाता : पुणे के एक वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि अनियोजित शहरीकरण और पेड़ों की कटाई के कारण देश में हाल के समय में वज्रपात की घटनाएं और उनमें मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है. भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आइआइटीएम) के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डाॅ एसडी पवार ने कहा कि इन दिनों […]
कोलकाता : पुणे के एक वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि अनियोजित शहरीकरण और पेड़ों की कटाई के कारण देश में हाल के समय में वज्रपात की घटनाएं और उनमें मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है. भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आइआइटीएम) के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डाॅ एसडी पवार ने कहा कि इन दिनों देश के ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरों में वज्रपात ज्यादा होता है.
आइआइटीएम में वायुमंडलीय विद्युत वतिलयन भौतिकी के वैज्ञानिक डॉ पवार ने कहा : देश में वज्रपात के कारण हर साल 3,000 से 3,500 लोग मरते हैं. लेकिन पिछले पांच साल में इसमें थोड़ी बढ़ोतरी हुई है और इस साल हमें हिमालय की तलहटी (जम्मू-कश्मीर से लेकर दार्जिलिंग की तलहटी तक) के क्षेत्रों में ज्यादा वज्रपात होने का अनुमान है.
डॉ पवार ने कहा कि यह एक प्राकृतिक घटना है. हालांकि वज्रपात ज्यादातर किसी खास क्षेत्र में नमी की मात्रा पर निर्भर करता है, वज्रपात की घटनाओं में वृद्धि का कोई सटीक कारण नहीं है. उन्होंने कहा : शहरीकरण इसके प्रमुख कारणों में से एक है और महानगरीय इलाकों में ज्यादातर वज्रपात की घटनाएं हुई हैं. वैज्ञानिक ने कहा कि देश के शहरी क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई से शहरी क्षेत्र गर्म टापू जैसे बनते जा रहे हैं और प्रदूषण भी एक बड़ा कारक है. उन्होंने कहा : ऊंची इमारतों में तड़ित रोधक होनी चाहिए और वे दूसरी अच्छी तकनीकों से लैस हों, ताकि वज्रपात उससे होकर सीधे जमीन में चले जायें.
खड़गपुर: वज्रपात से महिला समेत तीन की मौत
खड़गपुर. केशपुर थाना अंतर्गत पहाड़ चक गांव में वज्रपात की चपेट में आने से एक महिला सहित तीन लोगों की मौत हो गयी . तेज बारिश के दौरान महिला सहित तीन लोग खेत में काम कर रहे थे .तभी अचानक जोरदार वज्रपात हुआ और तीनों बेहोश होकर खेत में गिर पड़े .तीनों को बेहोशी की अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने तीनों को मृत घोषित कर दिया .शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. मृतकों की शिनाख्त नहीं हो पायी है.
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