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कोलकाता : मुख्यमंत्री ने दो मंत्रियों को लगायी फटकार
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विधानसभा में प्रश्न-उत्तर काल के दौरान राज्य के दो मंत्रियों को जम कर फटकार लगायी. दोनों मंत्री प्रश्न-उत्तर काल में विधायकों के प्रश्न का सही से जवाब नहीं दे पा रहे थे. राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव व वन मंत्री विनय कृष्ण बर्मन […]
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विधानसभा में प्रश्न-उत्तर काल के दौरान राज्य के दो मंत्रियों को जम कर फटकार लगायी. दोनों मंत्री प्रश्न-उत्तर काल में विधायकों के प्रश्न का सही से जवाब नहीं दे पा रहे थे. राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव व वन मंत्री विनय कृष्ण बर्मन गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जवाब देने से पहले होमवर्क करना होता है. उसके बारे में पढ़ना जरूरी होता है. जब तक अच्छे से तथ्याें को पढ़ नहीं लेते हैं, उसकी जांच नहीं कर लेते, तब तक विधानसभा में उसे नहीं बोलना चाहिए.
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को विधानसभा में प्रथम चरण में मुख्यमंत्री ने ही प्राय: सभी प्रश्नों का जवाब दिया. गुरुवार को विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान जामुरिया से माकपा विधायक जहांआरा खान ने पूछा कि बर्दवान के चुरुलिया में नजरूल इस्लाम नामांकित कोई स्मृति चिन्ह लगाने की योजना है या नहीं, पर्यटन मंत्री इसका जवाब नहीं दे पाये. उस समय मुख्यमंत्री भी वहां उपस्थित थीं.
फिर मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में होमवर्क करके आना चाहिए. इसके बाद पर्यटन मंत्री अपनी सीट पर बैठ गये. फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में पर्यटन विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारियां दी. साथ ही नजरूल इस्लाम के स्मृति चिन्ह के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं वहां गयी थीं, लेकिन नजरूल इस्लाम का जहां घर है, वह बहुत छोटा है. अगर आप कोई जगह चिन्हित करके बतायें तो राज्य सरकार स्मृति चिन्ह स्थापित करने के लिए तैयार है.
वहीं, कांग्रेस के विधायक असीत मित्रा ने वन अंचल को लेकर प्रश्न उठाया. वन मंत्री विनय कृष्ण बर्मन भी इस प्रश्न का जवाब नहीं दे पा रहे थे. इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वनांचल की रक्षा करने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इसके बाद उन्होंने वन मंत्री को कहा कि अच्छे से पढ़ाई ना करके और सही प्रकार से तथ्य ना लेकर कभी भी विधानसभा में नहीं बोला जाता. विधानसभा में बोलने से पहले पूरी तैयारी करनी होती है.
वाम मोरचा के समय के पुराने कानून की कमजोरी को खोज कर उसे और शक्तिशाली किया जा सकता था, लेकिन सरकार ने वैसा नहीं किया, वरन पुराने कानून को और भी कमजोर कर दिया.
-सुजन चक्रवर्ती, वाम मोरचा विधायक दल के नेता
खुद को सामने रख कर यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकपाल कानून को लेकर जो गलती की थी और उस कानून के कारण वर्तमान प्रधानमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं लाया जा पा रहा है. राज्य सकार ने उससे कोई शिक्षा नहीं लेकर राज्य में वही गलती कर रही है.
-अब्दुल मन्नान, विधानसभा में विपक्ष के नेता
विधानसभा में इस तरह के विधेयक पारित होने से आम लोग सोचेंगे कि राजनेता अपने को बचाने के लिए सभी रास्ता बंद कर दे रहे हैं. यदि मुख्यमंत्री, मंत्री व अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच नहीं हो पायेगी, तो फिर इस कानून का क्या मतलब है.
दिलीप घोष, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक
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