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पंचायत चुनाव में कितना कारगर रहा मुकुल फैक्टर
कोलकाता : राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजों में इस बार बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत चर्चा का विषय बन गया है. बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के विक्षुब्ध उम्मीदवार ही अधिकांश तौर पर िनर्दलीय प्रत्याशियों के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे. तृणमूल कांग्रेस के कई नेता दबी […]
कोलकाता : राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजों में इस बार बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत चर्चा का विषय बन गया है. बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के विक्षुब्ध उम्मीदवार ही अधिकांश तौर पर िनर्दलीय प्रत्याशियों के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे. तृणमूल कांग्रेस के कई नेता दबी जुबान से यह भी स्वीकार कर रहे हैं कि खासकर मुकुल राय समर्थक लोगों को तृणमूल का टिकट नहीं मिलने के बाद वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे.
ऐसे में चुनाव के इस परिणाम को मुकुल फैक्टर के रूप में भी देखा जा रहा है.
दूसरी ओर, माओवाद प्रभावित जंगलमहल के हंसने की खबर पूरे देश में फैलानेवालीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए पंचायत चुनाव में जंगलमहल के नतीजे ने मायूस कर दिया है. यहां के नतीजों को लेकर विरोधी दल काफी उत्साहित हैं. तीन जिले पुरुलिया, बांकुड़ा, पश्चिम मेदिनीपुर (झाड़ग्राम) के इलाकों को लेकर जंगलमहल है.
इन जिलों के चुनाव परिणाम पर गौर किया जाये तो तृणमूल कांग्रेस आगे है. लेकिन वोटों का प्रतिशत व सीट जीतने के मामले में भाजपा व अन्य विरोधी दल यहां आगे हैं. यही बात तृणमूल को सता रही है, क्योंकि यहां पर विकास की धारा को मिसाल के तौर पर प्रदेश व देश में ममता बनर्जी पेश करती आ रही हैं. उनका दावा है कि माओवादियों की हिंसा की वजह से जो झाड़ग्राम त्रस्त था, वह उनके नेतृत्व में हंस रहा है.
ऐसे में विरोधियों को अन्य जिलों में धूल चटानेवाली तृणमूल कांग्रेस को यहां करारी शिकस्त मिली है. तृणमूल के अंदरखाने में इस बात की चर्चा तेज है. कई नेता स्वीकार करते हैं कि पुरुलिया समेत जंगलमहल में इस तरह के नतीजों की आशंका पहले से ही थी. बावजूद इसके पार्टी इसका डैमेज कंट्रोल नहीं कर पायी. तृणमूल में इस बात का आत्ममंथन चल रहा है कि इस इलाके में पूर्व जिला पुलिस अधीक्षक भारती राय का असर काम किया है क्या.
जिस तरह से भाजपा की ओर से कमान संभालनेवाले तृणमूल के पूर्व वरिष्ठ नेता मुकुल राय ने अपना मोहरा बिछाया कि तृणमूल यहां विफल हो गयी. यहां के नतीजों को लेकर चर्चा काफी तेज है कि आनेवाले दिनों में जंगलमहल, जो माओवादियों का गढ़ हुआ करता था, वह क्या नयी राजनीति की सुगबुगाहट दे रहा है. फिलहाल इस बात को लेकर तृणमूल में चर्चा तेज है, तो भाजपा और अन्य दल यहां के नतीजों से उत्साहित हैं.
मुकुल से पल्ला झाड़े भाजपा : अर्जुन
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस की ओर से हिंदीभाषी प्रदेशों में संगठन के विस्तार की जिम्मेवारी निभा रहे विधायक अर्जुन सिंह ने पंचायत चुनाव के नतीजों के बाद मुकुल राय पर चुटकी लेते हुए कहा कि राज्य के 72 हजार बूथों पर अपने आदमी होने का दावा करनेवाले मुकुल के आदमी सात बूथों पर भी नजर नहीं आये. ऐसे में भाजपा को सीख लेते हुए तुरंत मुकुल से पल्ला झाड़ लेना चाहिए.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में विकास की जो धारा बह रही है, उससे हर कोई सराबोर है. ऐसे में मां माटी मानुष की जय के प्रति लोग पहले से ही आश्वस्त थे. जिन सीटों पर चुनाव हुआ, वहां लोग अपनी आस्था ममता बनर्जी के प्रति जताये. उन्होंने कहा कि मुकुल राय ने धोखा दिया है. ऐसे में भाजपा को सीख लेनी चाहिए.
काम नहीं आया मुकुल फैक्टर : भौमिक
कोलकाता. पंचायत चुनाव की पार्टी की जीत पर नैहाटी के तृणमूल विधायक पार्थ भौमिक ने भाजपा नेता मुकुल राय पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुकुल का महत्व केवल प्रेसवालों के पास है. जनता के बीच उनका कोई महत्व नहीं है. मुकुल के तृणमूल से अलग होने पर असर नहीं हुआ. बैरकपुर महकमा के पंचायती इलाकों में तृणमूल उम्मीदवारों की जीत हुई है. पंचायत चुनाव में कोई मुकुल राय फैक्टर भाजपा को काम नहीं आया. जनता दीदी के विकास कार्यों पर भरोसा कर चुनाव में तृणमूल उम्मीदवारों को जीत दिलायी है.
जनता ने विकास को दिया वोट : सब्यसाची
कोलकाता. पंचायत चुनाव के नतीजे आने के बाद गुरुवार को विधाननगर नगर निगम के मेयर सब्यसाची दत्त ने कहा कि जनता बेईमान नहीं है, यह इस चुनाव से प्रमाणित हो गया. उन्होंने कहा कि जनता को सब याद है कि ममता बनर्जी ने किस तरह से विकास किये हैं. जिस तरह से गांवों में विकास हुआ है, यह उसी का नतीजा है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार किसी न किसी तरीके से लाभांवित हुआ है. किसी को कन्याश्री तो किसी को सबूज साथी योजना से लाभ मिला है. जनता भूली नहीं है, उसने विकास को याद रखा और तृणमूल को जीत दिलायी.
पंचायत चुनाव में हुई मां-माटी-मानुष की जीत : ज्योतिप्रिय
कोलकाता. पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की बड़ी जीत मां-माटी-मानुष की जीत है. पश्चिम बंगाल की जनता ने विकास को वोट दिया है. यह कहना है राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का. गुरुवार को पंचायत चुनाव परिणाम आने के बाद उन्होंने कहा कि लोगों ने सिंबल को वोट दिया है, मां-माटी-मानुष रूपी ममता बनर्जी को वोट देकर तृणमूल कांग्रेस को जीत दिलायी है. उन्होंने कहा कि इतने दिनों तक किसी तरह से विरोधियों का सम्मान बचा था, लेकिन रिजल्ट आते ही सब साफ हो गया कि लोग विकास चाहते हैं. गांवों में ममता बनर्जी के विकास कार्यों को देख कर लोगों ने तृणमूल पार्टी को वोट दिया.
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