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तंबाकू उत्पाद के पैकेटों पर अब लिखना हेागा ”क्विट लाइन नंबर”, 85 प्रतिशत चेतावनी

कोलकता : केंद्र सरकार ने तम्बाकू सेवन की लत को छोड़ने वालों के लिए तंबाकू छोड़ो नंबर (क्विट लाइन नंबर) जारी की है. तंबाकू निर्माण और बिक्री करने वाली कंपनियों को तंबाकू के पैकेट पर क्विट लाइन नंबर 1800-11-2356 लिखना बाध्यतामूलक होगा. नयी चेतावनी 1 सितंबर, 2018 से प्रभावी होगी. वायॅस ऑफ टोबेको विक्टिमस (वीओटीवी) […]

कोलकता : केंद्र सरकार ने तम्बाकू सेवन की लत को छोड़ने वालों के लिए तंबाकू छोड़ो नंबर (क्विट लाइन नंबर) जारी की है. तंबाकू निर्माण और बिक्री करने वाली कंपनियों को तंबाकू के पैकेट पर क्विट लाइन नंबर 1800-11-2356 लिखना बाध्यतामूलक होगा.

नयी चेतावनी 1 सितंबर, 2018 से प्रभावी होगी. वायॅस ऑफ टोबेको विक्टिमस (वीओटीवी) व नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डा सौरभ दता ने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 3 अप्रैल, 2018 को जारी अधिसूचना में कहा है कि तंबाकू पैकेटों पर 85 प्रतिशत की नयी पैक चेतावनी होगी, जिसमें तंबाकू उपयोग के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव और तंबाकू सेवन की लत को छोड़ने वालों के लिए तंबाकू छोड़ो नंबर (क्विट लाइन नंबर) लिखना होगा.अधिसूचना के अनुसार अब तंबाकू के हर उत्पाद के पैकेट पर तंबाकू से कैंसर होता है और तंबाकू के कारण दर्दनाक मौत होती है के संदेश के साथ तंबाकू छोड़ो नंबर (क्विट लाइन नंबर) 1800-11-2356 लिखा होगा.

* सचित्र चेतावनी व नंबर से तंबाकू सेवन पर लगेगी लगाम

केंद्र सरकार ने ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे रिपोर्ट 2017 के परिणामों को देखकर तंबाकू छोड़ो नंबर (क्विट लाइन नंबर) को शुरू किया है. इस सर्वे में 62 प्रतिशत सिगरेट धूम्रपान करने वालों, 54 प्रतिशत बीड़ी धूम्रपान करने वालों और 46 प्रतिशत धुएं रहित तंबाकू उत्पादों के उपयोगकर्ताओं ने तंबाकू उत्पादों पर सचित्र चेतावनी लेबल देखकर छोड़ने का सोचा था.

* भारत में प्रत्येक साल कैंसर से होती है 12 लाख लोगों की मौत

टाटा मेमोरियल अस्पताल के कैंसर सर्जन डॉ पंकज चतुर्वेदी के अनुसार : भारत में तंबाकू के उपयोग के कारण हर साल करीब 12 लाख मौतें होती हैं. गैर-प्रसारी रोग (एनसीडी) का लगभग 40ः कैंसर, हृदय-नाड़ी रोगों और फेफड़ों के विकारों सहित सीधे तौर पर तंबाकू के उपयोग के कारण होते हैं. भारत में लगभग 50 प्रतिशत कैंसर तंबाकू से हेाता है और नौ प्रतिशत मौखिक कैंसर के रोगी इलाज के 12 महीने के भीतर मर जाते हैं. डॉ.पंकज चतुर्वेदी उस समिति का के भी सदस्य हैं, जिसने तंबाकू उत्पादों के पैकेटों पर चेतावनी लिखने को अंतिम रूप दिया है.

संबध हेल्थ फांउडेशन (एसएचएफ) के ट्रस्टी संजय सेठ ने कहा कि इस अधिसूचना जारी होने के बाद महत्वपूर्ण यह है कि तंबाकू उत्पादों के पैकेटों पर तंबाकू छोड़ो नंबर (क्विट लाइन नंबर) (1800112356) की छपाई उपयोगकर्ताओं को तंबाकू छोड़ने में सहायता करेगा.

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