कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट में राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते मामले की सुनवाई में यूनियन की ओर से कहा गया कि केंद्र के छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को मानकर ही राज्य सरकार ने वर्ष 2009 में कर्मचारियों के पांचवें वेतन आयोग को तैयार किया था. लिहाजा केंद्र की ओर से जिस दर पर महंगाई भत्ता दिया जाता है उसी दर पर राज्य सरकार को भी भत्ता देना चाहिए. अदालत ने जानना चाहा कि पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों को राज्य सरकार ने ग्रहण किया है
या सिफारिश को मानकर डीए देने की बात कही है, ऐसा कोई दस्तावेज है. न्यायाधीश देवाशीष कर गुप्त व न्यायाधीश शेखर सराफ की खंडपीठ में डीए मामले की सुनवाई में यूनियन की ओर से वकील सरदार अमजद अली ने कहा कि केंद्र के छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को ग्रहण करके ही राज्य की ओर से गठित वेतन आयोग ने डीए बढ़ाने की सिफारिश की थी. इसके आधार पर ही राज्य के वित्त विभाग ने डीए बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा कि डीए कितना बढ़ेगा यह देश के महंगाई सूचकांक पर निर्भर करता है.