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सरकारी जमीन दखल में बाधा देने पर परिवार का सामाजिक बहिष्कार
हल्दिया : सरकारी जमीन दखल करके दुकान लगाने को केंद्र कर विवाद होने के बाद से ही एक परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. स्थानीय बाहुबलियों के फरमान के मुताबिक बाजार, दुकान आदि से वह परिवार कोई सामान नहीं खरीद पा रहा है. उक्त परिवार के साथ गांव में कोई बात न करे, […]
हल्दिया : सरकारी जमीन दखल करके दुकान लगाने को केंद्र कर विवाद होने के बाद से ही एक परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. स्थानीय बाहुबलियों के फरमान के मुताबिक बाजार, दुकान आदि से वह परिवार कोई सामान नहीं खरीद पा रहा है. उक्त परिवार के साथ गांव में कोई बात न करे, इसके लिए 500 रुपये का जुर्माना भी तय किया गया है. बहिष्कार की सूची में पानी न रहने पर भी पीड़ित परिवार को सबसे आखिर में पानी मिलता है.
घटना तीन या चार दिन पहले की नहीं, बल्कि गत वर्ष के अगस्त महीने से मध्ययुगीय सरीखी बर्बरता का शिकार नंदीग्राम का यह परिवार हो रहा है.
पूर्व मेदिनीपुर के जिला परिषद के सहसभाधिपति शेख सूफियान ने कहा कि इस सामाजिक बहिष्कार की वह निंदा करते हैं. वह इस दिशा में कदम उठायेंगे. वह पुलिस-प्रशासन को जल्द कदम उठाने के लिए अनुरोध करेंगे. हल्दिया के एसडीओ पूर्णेंदू शेखर नस्कर ने कहा कि वह घटना की जानकारी लेंगे.
थाने में भी दर्ज करायी शिकायत, पर कोई फायदा नहीं
नंदीग्राम-1 नंबर ब्लॉक के श्यामासुंदरी चौक के सुशोभन पात्र व उसके परिवार के सदस्यों ने कई बार नंदीग्राम थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराने के अलावा स्थानीय पंचायत समिति से लेकर डीएम व जिला पुलिस सुपर को भी इसकी जानकारी दी है. लेकिन अभी तक कोई लाभ नहीं हुआ. कानून का सहारा लेने की कोशिश करने पर परिवार पर और भी जुल्म ढाये जा रहे हैं.
पीड़ित सुशोभन ने एक स्थानीय स्कूल में अशिक्षक कर्मचारी हैं. स्थानीय बाहुबलियों दिलीप दास, सुनील दास, संजय मंडल, बाटुल मंडल सहित अन्य पर उनके परिवार को बहिष्कार करने का आरोप लगा है. आरोप है कि कुछ महीने पहले आरोपियों ने सुशोभन पात्र के घर के सामने सरकारी सिंचाई विभाग की जमीन को दखल करने की कोशिश करते हुए दुकान लगाने की कोशिश की. ऐसा उनके घर का प्रवेश पथ बंद करके किया जा रहा था.
इसकी वजह से सुशोभन पात्र ने इसका विरोध किया. इससे नाराज होकर आरोपियों ने उनकी पिटाई की थी. पुलिस में शिकायत करने पर भी कोई लाभ नहीं हुआ. आरोप है कि कुछ दिन बाद ही आरोपियों ने जबरन सुशोभन पात्र के घरवालों के साथ झगड़ा शुरू किया. सुशोभन के घर में बाटुल मंडल की बकरी घुस गयी. इसका विरोध करने पर उन्हें पीटा गया. उनकी पत्नी पर भी हाथ उठाया गया. थाने में शिकायत करने के बाद से ही आरोपियों ने उन्हें बहिष्कार किये जाने की घोषणा कर दी.
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