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दिल्ली में रहस्यमय हालात में बंगाल के श्रमिक की मौत

हावड़ा : राजस्थान, केरल और गुजरात के बाद अब दिल्ली में रोजगार की तलाश में गये एक बंगाली मजदूर की रहस्यमय मौत का मामला सामने आया है. मृतक का नाम ठाकुर दास माझी (32) है. वह डोमजूर के माकड़दह ग्राम का निवासी था. जानकारी के अनुसार, ठाकुरदास दिल्ली के करोलबाग इलाके में डायमंड कटिंग का […]

हावड़ा : राजस्थान, केरल और गुजरात के बाद अब दिल्ली में रोजगार की तलाश में गये एक बंगाली मजदूर की रहस्यमय मौत का मामला सामने आया है. मृतक का नाम ठाकुर दास माझी (32) है. वह डोमजूर के माकड़दह ग्राम का निवासी था.
जानकारी के अनुसार, ठाकुरदास दिल्ली के करोलबाग इलाके में डायमंड कटिंग का काम करता था. शनिवार सुबह घर से उसका झूलती अवस्था में शव बरामद किया गया. इस घटना की सूचना पाकर उसका परिवार दिल्ली पहुंचा. परिवार का कहना है कि ठाकुर के शरीर पर आघात के निशान थे.
परिवार वालों‍ का आरोप है कि उसकी हत्या की गयी है. इस घटना की खबर पाकर इलाके में शोक का माहौल बना हुआ है. उल्लेखनीय है कि इसके पहले बंगाल के प्रवासी मजदूर अफराजुल की राजस्थान में हत्या कर दी गयी थी.
इसके बाद अलीपुरद्वार के नॉर्थ प्वाइंट इलाके के गरीब परिवार के 22 वर्षीय युवक मधु सरकार की गुजरात के भरूच जिले के अंकेलेश्वर थाना के तारनपुर इलाके में 22 दिसंबर को हत्या कर दी गयी. परिवार वालों का आरोप है कि ठाकुर दास ने आत्महत्या नहीं की है, वरन उसकी हत्या की गयी है. इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए. तभी सच सामने आ पायेगा.
तृणमूल सांसदों ने किया संसद के सामने में प्रदर्शन
उधर, दूसरे राज्यों में पश्चिम बंगाल के प्रवासी बंगालियों की लगातार होती हत्या पर तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद में तथा सांसद के बाहर प्रदर्शन किया तथा केंद्र सरकार से कदम उठाने की मांग की. तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के हाथों में पोस्टर थे. इसमें बंगाली प्रवासियों की हत्या किये जाने के खिलाफ नारे लिखे हुए थे. लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता व सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि काम के लिए बंगाल के बाहर रह रहे बंगाली प्रवासियों की एक के बाद एक हत्या के मामले सामने आ रहे हैं. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. भारत के प्रत्येक नागरिक को देश के किसी भी हिस्से में जाकर बसने या रोजगार करने का अधिकार है, लेकिन जिस तरह की घटनाएं घट रही हैं. यह बहुत ही दुखद है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बाबत केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में भी राजस्थान, बिहार,उत्तर प्रदेश,झारखंड सहित अन्य राज्यों के लोग रहते हैं तथा वहां रोजगार करते हैं, लेकिन राज्य सरकार ने इन प्रवासियों के साथ समान व्यवहार करती है. उनके साथ किसी तरह का पक्षपात नहीं किया जाता है. वे लोग आशा करते हैं कि बंगाल के बाहर काम के लिए गये बंगाली प्रवासियों के साथ भी समान व्यवहार ही हो.

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