स्कूल की प्रधान शिक्षिका अनिमा कुंडू पाल ने बताया कि सब्जी और अंडे की कीमत अधिक होने से फिलहाल बच्चों को मध्याह्न भोजन में केवल दाल-भात खिलाया जा रहा है, जबकि पहले सब्जियों के अलावा सप्ताह में एक दिन अंडा दिया जाता था. अब महंगाई की वजह से दो सप्ताह में एक बार अंडा खिलाया जा रहा है. वह भी कभी-कभी आधा अंडा ही खिलाना पड़ता है. इन दिनों रायगंज समेत उत्तर बंगाल के विभिन्न शहरों में साग-सब्जियों और अंडों के दाम आसमान पर हैं.
आम उपभोक्ता की जेब पर यह महंगाई भारी पड़ रही है, लेकिन सर्वाधिक प्रभावित प्राथमिक विद्यालयों के छोटे-छोटे बच्चे हो रहे हैं जिन्हें दोपहर को सरकार की ओर से भोजन कराया जाता है. पहले भोजन में सब्जियों के अलावा प्रोटीनयुक्त अंडे और कहीं-कहीं चिकन भी खिलाया जाता था, लेकिन महंगाई की मार ने इन बच्चों की थाली से जरूरी आइटम भी हटाने को बाध्य किया है. केवल दाल और भात से बच्चे अपना पेट भर रहे हैं. हालांकि मिड डे मील योजना का एक प्रमुख मकसद बढ़ते हुए बच्चों को पोषक भोजन मुहैया कराना है.
उल्लेखनीय है कि रायगंज के बाजार में अंडे सात से साढ़े सात रुपये प्रति पीस बिक रहा है, जबकि पहले यह साढ़े चार से पांच रुपये प्रति पीस बिकता था.