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अणुव्रत के बयान से तृणमूल ने पल्ला झाड़ा

कोलकाता : पुलिस को होशियार करते हुए धमकी देना और विरोध दल के नेताओं की टांग तोड़ देने व आंदोलनकारी किसानों का घर जना देने की बात कहनेवाले तृणमूल कांग्रेस के वीरभूम जिला अध्यक्ष अणुव्रत मंडल के बयान से पार्टी ने पल्ला झाड़ लिया है. गुरुवार को विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी […]

कोलकाता : पुलिस को होशियार करते हुए धमकी देना और विरोध दल के नेताओं की टांग तोड़ देने व आंदोलनकारी किसानों का घर जना देने की बात कहनेवाले तृणमूल कांग्रेस के वीरभूम जिला अध्यक्ष अणुव्रत मंडल के बयान से पार्टी ने पल्ला झाड़ लिया है. गुरुवार को विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने साफ कहा कि अणुव्रत के बयान से तृणमूल सहमत नहीं है. पार्टी उसका समर्थन नहीं करती है. पार्टी इस तरह की भाषा का समर्थन कभी नहीं करेगी. ये उनके व्यक्तिगत विचार हो सकते हैं. जिला के प्रभारी होने के नाते फिरहाद हकीम को इस मामले की जानकारी लेने का आदेश दिया गया है.

क्या है मामला : बुधवार को बोलपुर के शिवपुर में कृषि जमीन रक्षा कमेटी के बैनर तले चल रहे आंदोलन से हंगामा मच गया. किसानों के आंदोलन को समर्थन करने जा रहे कांग्रेस विधायक दल के नेता अब्दुल मन्नान और माकपा के नेता विकास रंजन भट्टाचार्य को पुलिस ने रोक दिया. इसके अलावा पुलिस ने आंदोलनकारियों के मंच को भी तोड़ दिया. बाद में मौके पर पहुंच कर तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अणुव्रत मंडल ने पुलिस के डीएसपी को धमकी देते हुए कहा कि दो घंटे के अंदर किसानों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वह खुद वहां जाकर उनका घरबार जला देंगे. उन्होंने कहा कि यह सब क्या हो रहा है.
वहां विकास कार्य हो रहा है और उसे रोकने की कोशिश हो रही है. मैं किसी को नहीं जानता. विकास कार्य में बाधा पहुंचानेवाले किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. चाहे वह माकपा या कांग्रेस का नेता ही क्यों न हो, मार कर पैर तोड़ दूंगा. इसके साथ ही उन्होंने घटनावाले दिन पुलिस को दो घंटे का वक्त देते हुए कहा कि इस बीच किसान गिरफ्तार नहीं हुए, तो वह तांडव मचा देंगे. हालांकि अणुव्रत के बयान के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए उसी दिन तीन किसानों को गिरफ्तार कर लिया.
गुरुवार को विधानसभा में सर्वदलीय बैठक थी. बैठक के बाद जब पत्रकारों ने पार्थ चटर्जी से इस बाबत सवाल किये, तो उन्होंने कहा कि अणुव्रत के बयान का हम समर्थन नहीं करते.
फिरहाद हकीम को बात करने की जिम्मेदारी दी गयी है. एक पुलिस अधिकारी के साथ इस तरह बात करना माफी योग्य नहीं है. भाषा का सही प्रयोग होना चाहिए. इस मामले में वह पूरी तरह विफल रहे. वह जनप्रिय नेता हो सकते हैं, लेकिन उनकी भाषा का पार्टी समर्थन नहीं करती है.

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