कोलकाता : राज्य पुलिस में पहली बार घोड़े के मल-मूत्र से बायोगैस तैयार की जायेगी. बैरकपुर में स्थित विवेकानंद स्टेट पुलिस अकादमी में इस योजना की शुरुआत जल्द होगी. पुलिस की तरफ से इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं.
इस नयी तकनीक के जरिये बायोगैस बनाने की योजना में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी राज्य पुलिस की मदद करेंगे. सूत्रों के मुताबिक मौजूदा समय में अकादमी में कुल 39 घोड़े हैं. रोजाना इनके मल-मूत्र से गंदगी फैली रहती थी. इसके कारण इसका कारगर इस्तेमाल किये जाने के बारे में सोचा जा रहा था. तभी इन मल-मूत्र से बायोगैस बनाने का आइडिया आया. इसके बाद इसे कारगर बनाने को लेकर बैठकों का दौर शुरू हुआ. इससे पहले अकादमी में पहली बार सोलर पैनल लगाया गया था, जिससे अभी 45 किलोवाट सौर ऊर्जा उत्पन्न हो रही है. अब बायोगैस बनाने का प्लांट शुरू होने से इससे बनने वाले बायोगैस का इस्तेमाल से अन्य क्षेत्रों में काफी मदद मिलेगी.
बैरकपुर पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज के निदेशक के जयरमन ने बताया कि इस अनोखी परियोजना के सफल होने पर इंडियन पुलिस फोर्स के लिए यह एक मिसाल बनेगी. भविष्य में अन्य पुलिस अकादमी में भी इस तरह की परियोगना शुरू होने की संभावना होगी.
वहीं, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन कल्याण रूद्र ने बताया कि देश में प्राकृतिक ऊर्जा के स्त्रोत तेजी से खत्म हो रहे हैं. इसके कारण हम इसके विकल्प तलाशने की कोशिश कर रहे हैं. जहां भी विकल्प ऊर्जा का स्त्रोत पाया जाता है, वहां से ऊर्जा तैयार करने की कोशिश की जाती है.
बैरकपुर स्थित स्वामी विवेकानंद पुलिस अकादमी में भी घोड़े के मल-मूत्र से बायोगैस पैदा करने की योजना को सफल बनाने में हम हर संभव मदद करने की कोशिश करेंगे.