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प्रिंसिपलों ने की वित्तीय संकट दूर करने की अपील

कोलकाता. राज्य के सरकारी अनुदान प्राप्त कॉलेजों के कई प्रिंसिपलों ने उच्च शिक्षा विभाग से अपील की है कि कॉलेजों में चल रही समस्या को लेकर उनके साथ बैठक की जाये. इसमें विशेष रूप से कॉलेज के प्रिंसिपलों को अतिरिक्त भत्ता देने की अपील की गयी है. इस विषय में कुछ प्रिंसिपलों का कहना है […]

कोलकाता. राज्य के सरकारी अनुदान प्राप्त कॉलेजों के कई प्रिंसिपलों ने उच्च शिक्षा विभाग से अपील की है कि कॉलेजों में चल रही समस्या को लेकर उनके साथ बैठक की जाये. इसमें विशेष रूप से कॉलेज के प्रिंसिपलों को अतिरिक्त भत्ता देने की अपील की गयी है.

इस विषय में कुछ प्रिंसिपलों का कहना है कि सरकार नये कार भत्ते व टेलीफोन खर्चे के रूप में अतिरिक्त फंड प्रदान करे, ताकि उनको कोई वित्तीय समस्या न उठानी पड़़े इसके लिए शीघ्र ही एक बैठक किये जाने की संभावना है. उल्लेखनीय है कि कॉलेज प्रिंसिपलों को बहुत जल्दी मासिक कार भत्ते के रूप में 6,000 रुपये व टेलीफोन खर्चे के रूप में 1,000 रुपये दिये जाने की घोषणा की गयी है. लेकिन इसके लिए कॉलेजों को कोई अतिरिक्त सहायता देने की व्यवस्था नहीं की गयी है.

शिक्षा विभाग की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि सरकार कोई अतिरिक्त फंड नहीं देगी, उनको खुद ही इसकी व्यवस्था करनी पड़ेगी. कलकत्ता यूनिवर्सिटी में आयोजित प्रिंसिपलों की एक बैठक में एक प्रिंसिपल ने कहा कि कॉलेज ट्यूशन व अन्य फीस के जरिये ही धनराशि एकत्रित करते हैं. इसमें से वे आधी राशि का ही उपयोग कर पाते हैं. बाकी धन राज्य के खजाने में चला जाता है. फंड की कमी वे कैसे पूरी कर सकते हैं. उनको वित्तीय लाभ का भी हिस्सा जमा करवाना पड़ता है. राज्य में 500 अनुदान प्राप्त कॉलेज हैं, जिनमें से कम से कम 100 कॉलेज ग्रामीण इलाके में हैं. इन कॉलेजों में पर्याप्त फंड नहीं है. इन कॉलेजों में छात्रों की संख्या 500 से भी कम है.

इस विषय में पश्चिम बंगाल प्रिंसिपल्स काउंसिल के अध्यक्ष सुबीरेश भट्टाचार्य ने कहा कि बहुत शीघ्र उच्च शिक्षा मंत्री के साथ काउंसिल की एक बैठक की जायेगी. इसमें कुछ कॉलेजों में चल रहे वित्तीय संकट व उसके समाधान पर बातचीत की जायेगी. हरेक कॉलेज के प्रिंसिपल को कार भत्ता व टेलीफोन का खर्चा समान रूप से मिलना चाहिए. ऐसा नहीं कि किसी को मिले व किसी को इस सुविधा से वंचित होना पड़े. इसमें पूरी समानता होनी चाहिए.

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