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जनता को अब भी अच्छे दिन की तलाश : मित्रा

कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दिन के नारे पर राज्य के वित्त मंत्री डाॅ अमित मित्रा ने एक बार फिर हमला बोला है. मंगलवार को बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए डाॅ मित्रा ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में देश की आर्थिक स्थिति चौपट हो […]

कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दिन के नारे पर राज्य के वित्त मंत्री डाॅ अमित मित्रा ने एक बार फिर हमला बोला है. मंगलवार को बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए डाॅ मित्रा ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में देश की आर्थिक स्थिति चौपट हो गयी है. चौथी तिमाही में जीडीपी में 1.2 प्रतिशत की गिरावट हुई है. बैंक क्रेडिट ग्रोथ 2015-16 में 10.3 प्रतिशत था, जो अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर पर 1.7 पर पहुंच गया है. बैंकों का एनपीए वर्ष 2014-15 में 5.2 प्रतिशत था, जो 2016-17 में 11.97 प्रतिशत पर पहुंच गया है. किसानों की आत्महत्या के मामले काफी बढ़े हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि लोग अब भी अच्छे दिन की तलाश कर रहे हैं. डाॅ मित्रा ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का नाम लिये बगैर कहा कि अगर मेरे आंकड़े सही हैं, तो आप दिल्ली से आये हुए लोग से पूछें कि क्या इस स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है.
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान बदहाल आर्थिक स्थिति के प्रमुख कारणों में से एक नोटबंदी है. केंद्र सरकार नोटबंदी लागू करने के पीछे प्रत्येक 15 दिन में नये-नये कारण बता रही है.
डाॅ मित्रा ने कहा कि जीएसटी कौंसिल में मैंने लगातार यह कहा था कि एक जुलाई से जीएसटी लागू नहीं किया जाये, क्योंकि इसे लागून करने की तैयारी पूरी नहीं है. व्यवसायियों के साथ जबरदस्ती न करें. वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू करने में छोटे उद्यमियों का बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखा गया. इस वजह से उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि हम लोग जीएसटी के विरोधी नहीं हैं. हम लोगों ने ही सबसे पहले जीएसटी का समर्थन किया था, पर हमारा विरोध पूरी तैयारियों के बगैर इसे लागू करने पर है. डाॅ मित्रा ने दावा किया कि आज देश के 80 प्रतिशत वित्त मंत्री केंद्र के शासक दल के हैं, पर वह भी जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं है. लेकिन राजनीतिक मजबूरी के कारण उन्हें इसका समर्थन करना पड़ रहा है.

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