इस मौके पर उन्होंने कहा कि अगर चीन के साथ डोकलाम की समस्या का समाधान हो सकता है तो पहाड़ पर अशांति का समाधान संभव कैसे नहीं है. पहाड़ पर चल रही अशांति के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ये सब तृणमूल के पहाड़ पर वर्चस्व बढ़ाने की कोशिश का नतीजा है. पहाड़ और समतल मिलाकर ही बंगाल है.
दोनों जगहों के लोगों का संबंध बेहद पुराना है. 2012 से पहले गोरखालैंड का मुद्दा बिल्कुल ठंडा पड़ गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के वहां जाकर गलत बयानबाजी करने से मुद्दे ने फिर से तूल पकड़ा. पिछले तीन महीने से पहाड़ में अशांति का माहौल है. प्रति वर्ष 40 से 50 लाख लोग सिलीगुड़ी आते हैं और वहां से पहाड़ घूमने जाते हैं, लेकिन आज पहाड़ पर जिंदगी थम सी गई है, जिसकी जिम्मेदार मुख्यमंत्री हैं. आज स्थिति यह है कि दार्जिलिंग में चाय उत्पादन बंद होने से सिक्किम की चाय को तरजीह दिया जा रहा है.