कोलकाता. पिछले दिनों हावड़ा स्टेशन के 88 कॉमर्सियल कर्मचारियों का ट्रांसफर कर दिया गया. इसमें स्टेशन के टिकट बुकिंग काउंटर पर कार्यरत 44 बुकिंग क्लर्क व बुकिंग सुपरवाइजर का ट्रांसफर स्टेशन के पार्सल में जबकि 44 पार्सल बुकिंग सुपरवाइजर व कर्मचारियों का ट्रांसफर स्टेशन के टिकट बुकिंग काउंटर पर कर दिया गया है. हालांकि हावड़ा […]
कोलकाता. पिछले दिनों हावड़ा स्टेशन के 88 कॉमर्सियल कर्मचारियों का ट्रांसफर कर दिया गया. इसमें स्टेशन के टिकट बुकिंग काउंटर पर कार्यरत 44 बुकिंग क्लर्क व बुकिंग सुपरवाइजर का ट्रांसफर स्टेशन के पार्सल में जबकि 44 पार्सल बुकिंग सुपरवाइजर व कर्मचारियों का ट्रांसफर स्टेशन के टिकट बुकिंग काउंटर पर कर दिया गया है. हालांकि हावड़ा मंडल मुख्यालय से ट्रांसफर सूची जारी होने के 15 दिन से भी ज्यादा होने के बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाने से कर्मचारियों और अधिकारियों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है.
हालांकि आर्डर के जारी होने से जहां ज्यादातर लोग खुश हैं, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या भी है, जो इसे मानने को तैयार नहीं है. रेलवे सूत्रों के अनुसार, ट्रांसफर सूची में कुछ ऐसे लोगों का भी नाम है जो रेलवे यूनियनों के बड़े पदों पर हैं.
लिहाजा वह अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर इसे रद्द कराने में लगे हुए हैं. घटना की जानकारी देते हुए पूर्व रेलवे कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आर्डर जारी होने के बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं होने से रेलकर्मियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने बताया कि पार्सल एरिया में ऐसे कई लोग हैं जो 20 साल से भी ज्यादा समय से एक ही स्थान पर नियुक्त हैं.
आखिर क्या कारण है कि उनका ट्रांसफर नहीं हो रहा है, जबकि रेलवे के नियम के अनुसार तीन वर्ष में ट्रांसफर होना चाहिए. हालांकि एक अधिकारी का कहना था कि नियम के अनुसार मान्यता प्राप्त रेलवे यूनियनों के पदाधिकारियों का ट्रांसफर उनके विभाग के आसपास ही करना होता है, जिससे की यूनियन के कार्य में कोई बाधा ना पड़े.