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वैश्विक विरासत ट्वॉय ट्रेन को लेकर यूनेस्को चिंतित

नयी दिल्ली/कोलकाता. यूनेस्को ने दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) को चेतावनी दी है कि गोरखालैंड आंदोलन के कारण डीएचआर को जो नुकसान पहुंचा है, वह उसे वर्ष 1999 में मिले वैश्विक विरासत के दर्जे को संकट में डाल सकता है. गोरखालैंड समर्थित बंद के दौरान डीएचआर के मुख्यालय-एलेसिया बिल्डिंग पर आगजनी के प्रयास के दौरान दो […]

नयी दिल्ली/कोलकाता. यूनेस्को ने दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) को चेतावनी दी है कि गोरखालैंड आंदोलन के कारण डीएचआर को जो नुकसान पहुंचा है, वह उसे वर्ष 1999 में मिले वैश्विक विरासत के दर्जे को संकट में डाल सकता है.
गोरखालैंड समर्थित बंद के दौरान डीएचआर के मुख्यालय-एलेसिया बिल्डिंग पर आगजनी के प्रयास के दौरान दो मुख्य स्टेशनों गयाबाड़ी और सोनाडा को आग लगा दी गयी. गोरखालैंड समर्थित बंद रविवार को अपने 54वें दिन में प्रवेश कर चुका है.
भारतीय रेलवे और यूनेस्को इस समय डीएचआर के लिए समग्र संरक्षण प्रबंधन योजना (सीसीएमपी) तैयार कर रहे हैं. यह काम वर्ष 2016 की शुरुआत में शुरू हुआ था. अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन ने यहां परियोजना के कामकाज को रोक दिया था और यूनेस्को ने अपना अस्थायी मुख्यालय दिल्ली परिसर में खोल लिया.
श्री चीबा ने कहा : आठ जून के आसपास दार्जिलिंग में आंदोलन शुरू हुआ. हमने कुछ दिन तो काम जारी रखा, लेकिन बाद में स्थिति कठिन हो गयी. 12 जून को हमने कार्सियांग में अपने सीसीएमपी परियोजना कार्यालय को बंद कर दिया. उन्होंने कहा, : हमने अपने कर्मचारियों से कहा कि वे अपने गृहनगरों को वापस चले जायें और वहां से काम करें. बाद में हमने चाणक्यपुरी में यूनेस्को के दफ्तर में सीसीएमपी का दफ्तर खोल लिया. उन्होंने कहा : जैसे ही इलाके में प्रवेश शुरू किया जायेगा. हमारी टीम दार्जिलिंग जायेगी और वैश्विक विरासत को पहुंचे नुकसान का आकलन करेगी. संरक्षण वास्तुकार एश्वर्या टिपनिस ने कहा कि डीएचआर को लगभग 20 साल पहले यूनेस्को की सूची में डाला गया था. यह ‘एशिया का पहला औद्योगिक विरासत स्थल है’, जिसे यह प्रतिष्ठित टैग मिला. उन्होंने उम्मीद जतायी कि स्थिति जल्दी ही सामान्य हो जायेगी.
क्या कहा यूनेस्को ने
यूनेस्को के दिल्ली दफ्तर में सेक्शन चीफ और प्रोग्राम स्पेशलिस्ट मो चीबा ने कहा : पर्यावरणीय कारकों, भूस्खलन और अन्य आपदाओं के कारण पैदा होनेवाले खतरों के चलते डीएचआर हेरिटेज ट्वाॅय ट्रेन पहले ही संवेदनशील है. अब इस सामाजिक संकट के कारण यह और अधिक संवेदनशील हो गया है. उन्होंने कहा : हम डीएचआर को लेकर बेहद चिंतित हैं क्योंकि यूनेस्को का तमगा लगने के बाद यह एक विरासत का प्रतीक है. चूंकि बंद के दौरान इसे नुकसान पहुंच रहा है इसलिए वर्ष 2018 में विश्व विरासत समिति की अगली बैठक के दौरान इसकी समीक्षा की जा सकती है.

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