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केंद्र से ममता के टकराव से कई योजनाएं अधर में

कोलकाता: केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच टकराव जारी है. धीरे-धीरे यह और बढ़ता ही जा रहा है. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं का राजनीतिक एवं सरकारी स्तर पर विरोध किया है. तीस्ता जल समझौता हो या […]

कोलकाता: केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच टकराव जारी है. धीरे-धीरे यह और बढ़ता ही जा रहा है. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं का राजनीतिक एवं सरकारी स्तर पर विरोध किया है. तीस्ता जल समझौता हो या स्वच्छ भारत अभियान, स्मार्ट सिटी प्राेजेक्ट हो या नोटबंदी का फैसला. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की कई योजनाओं एवं फैसलों के खिलाफ आवाज उठायी है. योजनाओं को बंगाल में लागू तक नहीं किया गया है.

केंद्र सरकार तीस्ता जल समझौता की समस्या खत्म करना चाहती है. बांग्लादेश भी केंद्र सरकार के कहे अनुसार समझौता करने को तैयार है. लेकिन बंगाल की मुख्यमंत्री इस समझौते का विरोध कर रही हैं. मुख्यमंत्री का कहना है कि बंगाल के हितों की बलि चढ़ा कर वह तीस्ता जल समझौता नहीं कराना चाहती. वह बंगाल की मुख्यमंत्री हैं. इसलिए यहां के लोगों के हितों की रक्षा करना उनका प्राथमिक दायित्व है. इसके बाद केंद्र सरकार ने जब देश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में भरती के लिए एक प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की तो बंगाल सरकार ने इसका भी विरोध किया. साथ ही मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं को बंगाल में लागू नहीं करने का निर्णय लिया है.

स्मार्ट सिटी मिशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी में परिणत करने के लिए महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की. केंद्र सरकार ने बंगाल के कोलकाता, विधाननगर, न्यूटाउन एवं हल्दिया को इस योजना के तहत पुनर्विकास करने के लिए 100 शहरों की सूची में शामिल किया था. लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुले रूप से केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की आलोचना करते हुए कहा कि इससे देश में ‘असामान्य विकास’ को बढ़ावा मिलेगा. केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने अगले पांच वर्षों में 10 ग्रीन सिटी की स्थापना करने की योजना बनायी है. इसमें राजरहाट के साथ-साथ कल्याणी, बोलपुर, बारुईपुर सहित अन्य क्षेत्र शामिल हैं.
रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी एक्ट
पश्चिम बंगाल भी उन राज्यों में से एक है, जिसने अभी तक केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी एक्ट (रेरा) के तहत नये रूल्स नहीं बनाये हैं. पश्चिम बंगाल सरकार रेरा एक्ट को यहां लागू करना नहीं चाहती. इस संबंध में केंद्र सरकार ने मई 2016 में ही संसद में कानून पारित कर दिया है और सभी राज्यों को 27 नवंबर तक अपने प्रदेश में एक्ट पारित कराने का निर्देश दिया गया था, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने ना ही अब तक इसके लिए कोई रूल बनाया है और ना ही केंद्र सरकार के प्रश्न का कोई जवाब दिया है.
रिवर इंटर-लिंकिंग प्रोजेक्ट
असम, बंगाल व बिहार में सिंचाई, पेय जल व बाढ़ की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार मानस- संकाओस- तीस्ता- गंगा नदी को जोड़ना चाहती है. केंद्र सरकार के इस फैसले का भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध किया है. इस संबंध में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कई बार मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर योजना के लिए समर्थन देने की अपील की है, लेकिन बंगाल की मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य के हितों से कतई समझौता नहीं किया जा सकता, उनके लिए बंगाल के लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान करना ही सर्वोपरि है.
कॉमन इंजीनियरिंग टेस्ट
केंद्र सरकार ने देश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए एकल प्रवेश परीक्षा प्रणाली शुरू करना चाहती है, लेकिन बंगाल सरकार ने इस फैसले का भी विरोध किया है. इस संबंध में राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर को पत्र लिख कर स्पष्ट कर दिया है कि बंगाल में यह नियम लागू नहीं होगा, क्योंकि यह राज्य सरकार के अधिकारों का हनन है.
स्वच्छ भारत सर्वे
केंद्र सरकार के देश के विभिन्न शहरों की सफाई-व्यवस्था को लेकर ‘स्वच्छता सर्वेक्षण’ करने का भी विरोध करते हुए इस योजना के साथ नहीं जुड़ने का फैसला किया. केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्रीय शहरी विकास विभाग ने तीसरे संस्करण में देश के 500 शहरों की सफाई-व्यवस्था पर सर्वेक्षण किया, लेकिन बंगाल के 60 शहरों ने इस सर्वेक्षण में हिस्सा ही नहीं लिया. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत पूरे देश में ‘खुले में शौच की प्रणाली’ को खत्म करने के लिए विशेष योजना क्रियान्वित कर रही है, इस पर राज्य सरकार का कहना है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा यहां ‘निर्मल बांग्ला मिशन’ के तहत कार्य चल रहा है, इसलिए यहां केंद्रीय योजना को लागू करने की जरूरत नहीं.
नोटबंदी विरोधी आंदोलन
प्रधानमंत्री के नोटबंदी के फैसला पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजनीतिक व प्रशासनिक दोनों स्तर पर विरोध किया. इसके खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने सिर्फ बंगाल ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में, यहां तक कि संसद भवन के अंदर व बाहर दोनों जगह आंदोलन जारी रखा.
जीएसटी का विरोध
जहां एक आेर सभी राज्य व औद्योगिक जगत ने वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) का स्वागत किया है, वहीं पश्चिम बंगाल इसके खिलाफ है. जिस दिन प्रधानमंत्री ने जीएसटी लागू किया, उस दिन को मुख्यमंत्री ने देश के लिए पराधीन दिवस का नाम दे दिया. जीएसटी को लेकर राज्य व केंद्र सरकार के बीच खींचतान अब भी जारी है. बंगाल में जीएसटी का लाभ लोगों को किस प्रकार मिलेगा, इस पर अभी संशय बरकरार है.

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