सूत्रों के अनुसार इस संबंध में एक रुपरेखा तैयार की गयी है, जिसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में पेश किया जायेगा. नवान्न से मिली जानकारी के मुताबिक अगर उद्योगपति नये सिरे से कारखाना लगाना चाहते हैं तो राज्य सरकार अपने पास मौजूद लैंड बैंक से जमीन के साथ-साथ हर प्रकार की सुविधा प्रदान करने के लिए तैयार है. वहीं जो कारखाने बंद पड़े हैं, उनकी जमीन को बेचने का प्रयास किया जायेगा. इस संबंध में प्राथमिका आइटी विभाग को दी जायेगी.
जमीन बेचने के बाद मिले पैसों को उद्योगों के विकास में लगाया जायेगा,लेकिन इस प्रक्रिया में काफी कानूनी जटिलताएं हैं, जिनका ध्यान रख कर रणनीति तय की जायेगी. आैद्योगिक विकास एवं बीमार कारखानों को बचाने की इस मुहिम में मालिक एवं श्रमिक दोनों पक्ष के हितों का पूरा ध्यान रखा जायेगा.