बस एसोसिएशन की ओर से चेतावनी दी गयी है कि अगर प्रशासन के आला अधिकारी उनकी मांगों पर गौर नहीं फरमाते हैं तो वे अपनी हड़ताल को अनिश्चितकालीन कर सकते हैं. इस बस हड़ताल के चलते हजारों की संख्या में यात्रियों को अगर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन का है. कार्यालय जाने वाले लोगों, स्कूल जानेवाले छात्रों, दूरदराज सफ़र करने वाले यात्रियों एवं नित्य यात्रा करनेवाले यात्रियों को आने वाली कठिनाईयों के लिए एसोसिएशन क्षमा प्रार्थी हैैं.
उनके मुताबिक जिले में कुल नौ सौ बसों को प्रशासन की तरफ से परमिट मिला हुआ है, जिसमे से छः सौ बसे रोजाना सड़क दौडती है. बाकी बचे तीन सौ बसे घाटे की वजह से बंद पड़ी है. बस मालिकों का आरोप है की जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते सड़कों पर हजारों की संख्या में अवैध ऑटो, ओटो एवं ट्रेकर बस रूट पर चल रहे हैं, जिसकी वजह से बसों में यात्रियों की संख्या दिन प्रतिदिन घटते जा रही है. डीजल के दाम बेतहाशा वृद्धि होने से उनकी परेशानी बढ़ रही है.
इस बाबत जिला प्रशासन के साथ कई बार बैठकें भी हुई पर हर बार की बैठक में आश्वासन दिया गया कि जल्द ही बस रूटों पर चलनेवाले अवैध वाहनों पर अंकुश लगा दी जायेगी, इसके बाबजूद प्रशासन उदासीन बना हुआ है. प्रशासन की लापरवाही, उदासीनता और मिलीभगत के चलते बस सेवाएं संकट में पड़ी हुई है. यदि जल्द ही प्रशासन इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेती तो आज सांकेतिक होने वाली यह बस हड़ताल आगामी दिनों में अनिश्चितकालीन बस हड़ताल में परिणत होगी. दो नम्बर बस रुट के मालिक मुन्ना साव का भी यही कहना है. 25 मई 2015 को हुगली जिला परिषद में इसे लेकर प्रशासनिक बैठक हुई थी. तब तय हुआ था कि किसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोटो नहीं चलेगा.