नयी कमेटी गठित, अध्यक्ष बने एस चटर्जी, महासचिव एचपी गोस्वामी
आसनसोल : डूरंड रेल कॉलोनी स्थित विवेकानंद इंस्टिच्यूट में पूर्व रेलवे इंजीनियर्स एसोसिएशन के आसनसोल मंडल शाखा की प्रथम वार्षिक आमबैठक और सेफ्टी सेमिनार का उद्घाटन दिनेश विश्वास ने किया.
श्री विश्वास ने कहा कि रेल परिसेवा के सफलतम परिचालन में रेलवे में कार्यरत लाखों इंजीनियर्स की अहम भूमिका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुलेट ट्रेन परियोजना के कार्यान्वयन, प्लानिंग, इस्टिमेशन, उत्पादन, प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में दिग्गज इंजीनियर्स की टीम दिन रात काम कर रही है.
रेल में ग्रुप सी के सब-ऑर्डिनेट पदों पर जूनियर इंजीनियर, सीनियर सेक्शन इंजीनियर के रूप में कार्यरत डिप्लोमा और डिग्री इंजीनियर्स के बदतर कार्य परिस्थितियों पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री विश्वास ने कहा रेल इंजीनियर कठिन हालातों में बिना विश्रम किये 24 घंटे कार्य करने को विवश हैं. रेलवे में कार्य संबंधी महत्वपूर्ण निर्णयों में इंजीनियरों के सुझाव को कोई अहमियत नहीं दी जाती परंतु रेलवे के सेफ्टी संबंधी मुददों की 90 प्रतिशत जिम्मेदारी और दुर्घटना होने पर इसकी पूरी जवाबदेही इंजीनियरों के कंधों पर जबरन थोप दी जाती है
देश के अंदर जम्मूतवी से कन्याकुमारी तक शताब्दी, राजधानी जैसे सुपर फास्ट, एवं सामान्य ट्रेनों के परिचालन के लिए प्रमाण पत्र एवं रेल के ढांचागत रेल लाइन, ट्रेक फिटनेस एवं सेफ्टी संबंधी प्रमाण पत्र निर्गत करने की जिम्मेदारी जेइ और एसएसइ की ही होती है. परंतु इन अति दायित्वपूर्ण और जवाब देह पदों पर कार्यरत इंजीनियर को विभागीय मामलों में कोई तवज्जो नहीं दी जाती है. रेल में एसएसइ के रूप में नियुक्ति पाने वाले स्नातक इंजीनियरों (बीइ, बीटेक) की पदोन्नति को लेकर कोई स्पष्ट नीति न होने से उनका मनोबल प्रभावित होता है.
अवसर पर इआरइए के आसनसोल मंडल की नवगठित कमेटी में अध्यक्ष एस चट्टोपाध्याय, कार्यकारी अध्यक्ष यूएस दास, उपाध्यक्ष जेसी घोष, प्रांतिक मंडल, विनय मिश्र, विपिन कुमार, सलाहकार एमसी मंडल, अजीत मंडल, एसएन घोष, महासचिव एचपी गोस्वामी, कार्यकारी सचिव बलराम सिंह, वित्त सचिव एके हाजरा, संयुक्त सचिव (आइटी) राकेश रंजन, प्रणब भद्र, दिलीप विश्वास, सुशांत राय चुने गये.