27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

तीन माह बाद सड़क जाम का स्थायी निदान

जाम नहीं होने से आधा घंटे से लेकर ढाई घंटों तक का बचेगा समय आसनसोल : बर्दवान के जिला शासक डॉ सौमित्र मोहन की प्रशासनिक दक्षता और सटीक पहल के कारण आगामी जुलाई माह तक पानागढ़ बाजार की बाइपास सड़क आम परिवहन के लिए खोल दी जायेगी. पानागढ़ रेलवे ब्रिज के पास कुछ कार्य बाकी […]

जाम नहीं होने से आधा घंटे से लेकर ढाई घंटों तक का बचेगा समय
आसनसोल : बर्दवान के जिला शासक डॉ सौमित्र मोहन की प्रशासनिक दक्षता और सटीक पहल के कारण आगामी जुलाई माह तक पानागढ़ बाजार की बाइपास सड़क आम परिवहन के लिए खोल दी जायेगी. पानागढ़ रेलवे ब्रिज के पास कुछ कार्य बाकी है. इसके खुलने से सड़क मार्ग से कोलकाता जा ने के समय में काफी कमी आ येगी. सनद रहे कि सड़क मार्ग से कोलकाता जाने का निर्णय लेते समय सबसे पहले पानागढ़ बाजार में सड़क जाम ही प्रमुख बाधा नजर आती है.
सनद रहे कि राष्ट्रीय राजमार्ग दो में छह लेन के निर्माण का कार्य आउटसोर्सिग कंपनी ओरियेंटल स्ट्ररल इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड (ओएसइपीएल) कर रही है. मुख्य प्रोजेक्ट प्रबंधक वीके चौहान ने बताया कि जुलाई तक बाइपास से आवागमन शुरू हो जायेगा. आगामी वर्ष 2017 के मार्च तक बरवाअड्डा से पानागढ़ एनएच दो में छह लेन निर्माण का कार्य पुरा हो जायेगा. जिला शासक डॉ मोहन ने बताया कि जब उन्होंने बर्दवान के जिला शासक का पदभार ग्रहण किया उस समय पानागढ़ बाइपास और अंडाल हवाई अड्डा का कार्य पुरा करना प्रमुख चुनौतियां थी. अंडाल हवाई अड्डा आरंभ हो गया और पानागढ़ बाइपास का कार्य अग्रगति पर है. यह सड़क बन जाने से लोगों को पानागढ़ के जाम से हमेशा मुक्ति मिल जायेगा.और दस से 15 मिनट में वे पानागढ़ को पार कर लेंगे. समय की काफी बचत होगी.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआइ) के नियमानुसार छह लेन सड़क पर सिगनल की लाल बत्ती या पीली बत्ती नहीं होगी. दोनों ओर तीन- तीन लेन सड़क पर गाड़ियां अपने गति के आधार पर चलेगी. सबसे तेज गति की गाड़ी डिवाइडर से सट कर और उससे कम गति वाली बाय के लेन में और सबसे कम गति वाली वाहन सबसे किनारे की लेन पर चलेगी.
जहां भी सड़क क्रॉसिंग है वहां ओवर ब्रिज बना दिये जा रहे है. शुरुआत में इन सड़कों पर हमेशा ही दुर्घटनाएं ज्यादा होती है. इसलिये चालकों को ट्राफिक नियम और गति के हिसाब से अपने लेन पर चलना होगा.
जमीन अधिग्रहण में लगे 188 करोड़
छह लेन पानागढ़ बाइपास आठ किलोमीटर की है. जिसके लिये एनएचएआइ को 97 एकड़ जमीन अधिग्रहण करनी पड़ी. जिसके लिये 188 करोड़ रुपये खर्च हुए. जमीन के लिये 148 करोड़ रुपया और मकानों के मुआवजा के रुप में 40 करोड़ रुपया व्यय हुआ.
दाजिर्लिंग मोड़ से छह लेन पानागढ़ शहर के बीच से गुजरती तो साढ़े पांच किलोमीटर की दूरी होती. लेकिन जमीन अधिग्रहण में खर्च की राशि करीब दोगुनी हो जाती. क्योंकि यहां जो भी जमीन मिलती वह कमर्शियल कीमत की होती और 90 प्रतिशत जमीन पर निर्माण कार्यो का कीमत काफी अधिक देनी होती. इसलिये बाइपास बनने से आर्थिक बचत के साथ साथ पानागढ़ शहर जैसे का तैसा रह गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें