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रेल को मुआवजा देने का निर्देश
कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट ने रेल हादसे में मारे गये तीन लोगों के करीबी रिश्तेदारों को ब्याज सहित मुआवजा देने का निर्देश दिया है. न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी व न्यायाधीश सईदुल्ला मुंशी की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया. उल्लेखनीय है कि 1994 के 26 अक्तूबर को बारासात के रहने वाले माणिक साधुखां अपनी पत्नी उज्जवला साधुखां […]
कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट ने रेल हादसे में मारे गये तीन लोगों के करीबी रिश्तेदारों को ब्याज सहित मुआवजा देने का निर्देश दिया है. न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी व न्यायाधीश सईदुल्ला मुंशी की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया.
उल्लेखनीय है कि 1994 के 26 अक्तूबर को बारासात के रहने वाले माणिक साधुखां अपनी पत्नी उज्जवला साधुखां और बेटे शंखदीप साधुखां के साथ 8001 मुंबई मेल में सफर कर रहे थे. चक्रधरपुर के करीब ट्रेन की उसी बोगी में आग लग गयी जिसमें वह सफर कर रहे थे. हादसे में तीनों की ही मौत हो गयी. माणिक साधुखां के दो भाई राखाल चंद साधुखां और चुनीलाल साधुखां ने रेल से मुआवजे की मांग की थी, लेकिन ट्राइब्यूनल ने दोनों को मुआवजा दिये जाने से मना कर दिया था. इसके बाद ही दोनों ने कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाइकोर्ट ने दोनों को मृतकों का कानूनी वारिस करार देते हुए रेल को छह लाख रुपये मुआवजा ब्याज सहित देने का निर्देश दिया .
पूर्व रेलवे कर्मचारी संघ ने किया प्रदर्शन
कोलकाता. पूर्व रेलवे कर्मचारी संघ के सदस्यों ने विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को बर्दमान रेलवे इंस्टीट्यूट में सभा की, जिसमें पूर्व रेलवे कर्मचारी संघ की वाइस प्रेसिडेंट (सेंट्रल) शकुंतला शर्मा ने कहा कि बर्दमान रेलवे कॉलोनी में रेल अधिकारियों की मिलीभगत से बाहरी लोगों को रखा जा रहा है. इसके साथ वहां अवैध कार्यकलापों का अंजाम दिया जा रहा है. कार्यक्रम में पीआरके के मंडल सचिव सुनील श्रीवास्तव और ब्रांच-5 के सचिव अमिय दे के साथ अन्य सदस्य उपस्थित रहे.
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