दुर्गापुर : स्थायी एवं अस्थायी श्रमिकों के लिये वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग को लेकर माकपा ने सिटी सेंटर स्थित डीएलसी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने के बाद अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. उल्लेखनीय है कि तीन जून को डीपीएल के एमडी मृणाल कांति मिश्र ने कोयले की कमी एवं नुकसान का हवाला देते हुये कोकोवेन प्लांट को बंद कर दिया. इससे प्लांट में कार्यरत 1360 स्थायी श्रमिक एवं नौ सौ ठेका श्रमिकों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.
माकपा के पूर्व विधायक विप्रेंदू चक्रवर्ती ने बताया कि डीपीएल के एमडी और इडी की मनमानी से प्लांट बंद हुआ. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांकुड़ा से कोयला लाने की व्यवस्था कर दी है. एक वर्ष पूर्व सेल के साथ भी समझौता हुआ था. सेल ने 80 हजार मेट्रिक टन कोयले की आपूर्ति कराने के लिये हामी भरी थी. लेकिन केवल 56 हजार मेट्रिक टन कोयले की ही आपूर्ति की गयी. कंपनी जब छह सौ करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा थी, उस वक्त कंपनी के एमडी ने उसे बचाने के लिये कोई प्रयास नहीं किया. उन्होंने कहा कि यदि पुरानी बैटरी की जगह नयी बैटरी लगायी जाये और कोयले की व्यवस्था हो जाय तो प्लांट को दुबारा चालू किया जा सकता है.
श्री चक्रवर्ती ने कहा कि दुर्गापुर शहर में एक के बाद एक प्लांट बंद हो रहे हैं. नये उद्योग स्थापित नहीं हो रहे हैं. इस कारण रोजगार की समस्या बढ़ती जा रही है. प्लांट में काम करने वाले स्थायी श्रमिकों के लिये जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी. ठेका श्रमिकों के बारे में भी सोचना होगा. छंटनी करने पर मुआवजा देना होगा. श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर इसका शीघ्र हल निकालना होगा. किसी विशेष संगठन के प्रतिनिधि के साथ बैठक कर फैसला लेना मान्य नहीं होगा.
डेपुटी लेबर कमिश्नर पार्थ प्रतीम चटर्जी ने कहा कि कंपनी के एमडी के साथ बैठक कर समस्या का हल निकालने की कोशिश की जायेगी. मौके पर माकपा नेता पंकज राय सरकार के अलावे प्लांट के अन्य कर्मचारी मौजूद थे.