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सीबीएसइ : व्यावहारिक जांच के बाद ही होगी शिक्षकों की नियुक्ति

आसनसोल : स्कूलों में आये दिन छात्रों के साथ शिक्षकों के गलत व्यवहार की सूचना पर सीबीएसइ ने संज्ञान लेते हुए सभी स्कूलों को दिशा -निर्देश दिये हैं. इसके अनुसार स्कूल कैंपस में टीचर्स अपनी जिम्मेवारी सही से निभायें, इसके लिए सीबीएसइ ने स्कूलों को टीचर्स अपॉइंटमेंट के समय ही सावधानी बरतने को कहा है. […]

आसनसोल : स्कूलों में आये दिन छात्रों के साथ शिक्षकों के गलत व्यवहार की सूचना पर सीबीएसइ ने संज्ञान लेते हुए सभी स्कूलों को दिशा -निर्देश दिये हैं. इसके अनुसार स्कूल कैंपस में टीचर्स अपनी जिम्मेवारी सही से निभायें, इसके लिए सीबीएसइ ने स्कूलों को टीचर्स अपॉइंटमेंट के समय ही सावधानी बरतने को कहा है. सीबीएसइ की ओर से तमाम स्कूलों को निर्देश भेजा जा रहा है.
व्यवहार, टीचिंग स्टाइल, टाइमिंग पर होगी नजर
अब सीबीएसइ स्कूलों में भी टीचर्स की नियुक्ति केंद्रीय विद्यालय संगठन की तरह की होगी. इसमें हर नये टीचर को तीन महीने का समय दिया जायेगा.
इसमें उनके बिहेवियर, पढ़ाई की स्टाइल, टाइमिंग आदि को देखा जायेगा. टीचर्स अपनी ड्यूटी के प्रति कितने इमानदार हैं, इसकी जांच स्कूल अपने स्तर से करेगी. इसके साथ सीबीएसइ ने तमाम स्कूलों को पुराने टीचर्स के लिए भी कोड ऑफ कंडक्ट में रखने की सलाह दी है. बोर्ड ने स्कूलों को सलाह की लिस्ट भी भेजी है.
स्कूल परमिशन के बिना ट्यूशन नहीं
सीबीएसइ ने तमाम स्कूलों को निर्देश दिया है कि कोई भी टीचर्स ट्यूशन करने के लिए पहले स्कूल से परमिशन लेगा. स्कूल के परमिशन के बाद ही टीचर्स घर में या कोचिंग संस्थान में ट्यूशन देंगे. बोर्ड के अनुसार कई बार टीचर स्कूल में क्लास बंक कर कोचिंग संस्थान में पढ़ाने जाते हैं.
या फिर घर में ही ट्यूशन पर अधिक समय देते हैं. ऐसे भी केस सीबीएसइ के पास आये हैं, जिसमें टीचर स्कूल के स्टूडेंट्स को इस बात के लिए फोर्स करते हैं कि जो क्लास में समझ में नहीं आता हैं, उसे वह ट्यूशन में आयें, तो अच्छे से समझाया जायेगा. टीचर्स द्वारा स्टूडेंट्स को गुमराह करने वाले इन तमाम बिहेवियर पर नजर रखने के लिए भी स्कूलों को निर्देश दिया गया है.
बस के अंतिम स्टॉपेज तक जायेंगे स्कूल के शिक्षक
सीबीएसइ ने स्कूलों से टीचर्स को स्टूडेंट्स के साथ बस में ही घर जाने की सलाह दी है. अक्सर देखा जाता है कि टीचर्स या तो अपने वेहिकल्स से स्कूल आते और जाते हैं. या फिर अगर कोई टीचर स्कूल कंवियेंस का उपयोग भी करते हैं तो अपने डेस्टिनेशन तक ही जाते हैं.
टीचर को अपने वाहनों से घर आने और जाने से काम नहीं चलेगा. जिस रूट में बस जायेगी, टीचर भी उसी बस में स्कूल आयेंगे. हर दिन एक टीचर अंतिम स्टॉपेज तक बस में जायेगा, जब तक कि सारे स्टूडेंट बस से उतर नहीं जाते हैं.

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