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छठी से आठवीं तक बदलेगा मूल्यांकन पैटर्न पर

सीबीएसई शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा स्टूडेंट्सों की सुविधा के लिए लगातार सुधार कर रहा है. इसी के तहत छठी से आठवीं कक्षा तक की परीक्षा का मूल्यांकन पैटर्न बदलने का निर्णय लिया गया है. आसनसोल : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों में छठी से आठवीं क्लास तक मूल्यांकन का नया पैटर्न […]

सीबीएसई शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा स्टूडेंट्सों की सुविधा के लिए लगातार सुधार कर रहा है. इसी के तहत छठी से आठवीं कक्षा तक की परीक्षा का मूल्यांकन पैटर्न बदलने का निर्णय लिया गया है.

आसनसोल : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों में छठी से आठवीं क्लास तक मूल्यांकन का नया पैटर्न होगा. यह पैटर्न शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अंतर्गत तैयार किया जायेगा. बोर्ड द्वारा तैयार किये गये सतत समग्र मूल्यांकन (सीसीई) के आधार पर किया जाता था. जानकारी के अनुसार बोर्ड अब इस पैटर्न को वापस ले रहा है. इसके साथ ही सभी स्कूलों में नये पैटर्न के अनुसार मूल्यांकन की तैयारी की जा रही है. बोर्ड सूत्रों के अनुसार संबद्ध स्कूलों को इसकी जानकारी दे दी गयी है.
क्या होता था सीसीई में :सीसीई के तहत फॉरमेटिव मूल्यांकन के तहत शिक्षक-शिक्षिकाओं के पठन-पाठन का आंकलन करना है. साथ ही यह देखना है कि उससे बच्चे कितना सीख रहे हैं. उनका बौद्धिक स्तर कितना विकसित हो रहा है. जबकि सब्मिटिव मूल्यांकन के तहत बच्चों की जांच की जानी है. सूत्र बताते हैं कि स्कूलों में इसका पूरी तरह से पालन नहीं हो पा रहा था. इससे संबंधित शिकायतें मिलने के बाद एनसीपीसीआर ने सीसीई पर आपत्ति जतायी थी.
महंगी पुस्तकों से मिलेगी निजात : मूल्यांकन का नया पैटर्न लागू होने से स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें ही चलेंगी. स्कूल अन्य पब्लिकेशन की पुस्तकें खरीदने के लिए अभिभावकों पर दबाब नहीं बना पायेंगे. इससे प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकों की बिक्री भी प्रभावित होगी और अभिभावकों को महंगी पुस्तकें खरीदनें से निजातत मिलने की संभावना है. सीबीएसई की पीआरओ रमा कुमारी ने कहा कि फिलहाल सीसीई को बोर्ड ने वापस ले लिया है. एनसीईआरटी अभी आरटीआई के तहत मूल्यांकन पैटर्न तैयार कर रहा है. आरटीई के तहत जो भी गाइडलाइन तय किये जायेंगे, मूल्यांकन का वहीं पैटर्न लाया जायेगा.
आरटीई के तहत नयी गाइडलाइन तैयार कर रहा एनसीईआरटी
शिक्षा का अधिकार अधिनियम पर आधारित होगा निर्मित पैटर्न
एनसीपीसीआर ने जतायी थी आपत्ति
सीबीएसई द्वारा तैयार किये गये सीसीई पैटर्न पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने आपत्ति जतायी थी. उसके बाद बोर्ड ने इस पैटर्न को हटा कर एनसीईआरटी द्वारा तैयार किये गये पैटर्न को लागू करने का निर्णय लिया है. बताया जाता है कि शिक्षा में सुधार के उद्देश्य से ऐसा किया गया है. इससे बच्चों के बस्ते का बोझ को कम होगा ही, मूल्यांकन में भेदभाव की शिकायतें भी दूर होंगी.

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