पत्रकार सम्मेलन कर आद्रा मंडल रेल प्रबंधक ने िकया आंदोलन का विरोध
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रेल रोको आन्दोलन से आद्रा मंडल को करोड़ों का नुकसान
पत्रकार सम्मेलन कर आद्रा मंडल रेल प्रबंधक ने िकया आंदोलन का विरोध कहा, अांदोलन से बाधित होता हैै रेलवे का काम, धूमिल होती है मंडल व जिले की छवि आद्रा : दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा मंडल के पुरूलिया स्टेशन में गुरुवार को पत्रकार सम्मेलन आयोजित कर मंडल रेल प्रबंधक शरद कुमार श्रीवास्तव ने आठ […]
कहा, अांदोलन से बाधित होता हैै रेलवे का काम, धूमिल होती है मंडल व जिले की छवि
आद्रा : दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा मंडल के पुरूलिया स्टेशन में गुरुवार को पत्रकार सम्मेलन आयोजित कर मंडल रेल प्रबंधक शरद कुमार श्रीवास्तव ने आठ जनवरी को झारखंड दिशम पार्टी और आदिवासी सेंगेल अभियान के समर्थकों के रेल रोको आन्दोलन से रेल, राज्य एवं यात्रियों को हुई हानि की जानकारी दी. उन्होंने कहा िक माल गाड़ियों का परिचालन रुकने पर आद्रा मंडल को 21.85 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान हुआ. सवारी गाड़ियों का परिचालन रुकने पर 5.77 करोड़ की हानि हुई है. उन्होंने कहा कि मामले को रेलवे प्रशासन ने अत्यंत गंभीरता से लिया है क्योंकि ऐसे आन्दोलनों से जनता या रेलवे या राष्ट्र को कोई लाभ नहीं होता बल्कि इससे सरकारी कर्मचारियों और जनता को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. सरकार का भारी नुकसान होता है.
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इस प्रकार के आन्दोलन से रेलवे का काम बाधित होता है तथा मंडल एवं जिला की छवि धूमिल होती है और मंडल की यात्री सुविधा की योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं. उल्लेखनीय है िक झारखण्ड दिशोम पार्टी और आदिवासी सेंगेल अभियान के समर्थक आठ जनवरी को कांटाडीह, मधुकुण्डा और इन्द्रबिल स्टेशन पर नारा लगाते हुये आए और बैनर एवं प्लेकार्ड दिखाते हुए रेलवे परिसर में प्रवेश किये तथा रेल रोको आन्दोलन के नाम पर रेलवे ट्रैक पर धरना देकर बैठ गये. वे झारखण्ड सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल तथा धर्म परिवर्तन बिल का विरोध कर रहे थे. श्री श्रीवास्तव ने बताया कि इन्द्रबिल स्टेशन पर मंडल वाणिज्य प्रबंधक, मधुकुण्डा स्टेशन पर सहायक वाणिज्य प्रबंधक तथा कांटाडीह स्टेशन पर सहायक इंजीनियर बातचीत करने तथा कोई ज्ञापन होने पर उसे प्राप्त करने गये थे. आन्दोलन समाप्त करने के लिए उनके नेताओं से बातचीत करने के कई प्रयास किए लेकिन आंदोलनकारियों ने इनकार कर दिया और नारे लगाते रहे. आंदोलन के कारण कई ट्रेनें विलंब से गंतव्य के लिये रवाना हुयी. कइयों के मार्ग में परिवर्तन करना पड़ा.
सहायक सुरक्षा आयुक्त यूबी बिश्वाल ने कहा कि जांच के लिये और भविष्य के अन्य सदर्भों में साक्ष्य के लिये घटना की वीडियो रिकार्डिंग एवं फोटोग्राफी की गई थी. इसके आधार पर आन्दोलन में शामिल दलों के नेताओं एवं अन्य समर्थकों पर रेल (संशोधन) अधिनियम, 2003 के तहत मामला दायर किया गया है. कांटाडीह स्टेशन पर रेल रोको आन्दोलन को अंजाम देने के अभियोग में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पुरुलिया के न्यायालय में झादिपा पुरुलिया के जिला सचिव सनत कुमार बेसरा, धनंजय मांडी, अनिल चंद्र मांडी, और गुरुचरण टुडु एवं अन्य समर्थकों के खिलाफ मामला दायर किया गया है. इन्द्रबिल स्टेशन पर रेल रोको आन्दोलन को अंजाम देने के अभियोग में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बांकुड़ा के न्यायालय में वैद्यनाथ हांसदा, रामचंद्र हेम्ब्रम, गणेशचंद्र मुर्मू, एवं अन्य समर्थकों के खिलाफ मामला दायर किया गया है. मधुकुण्डा स्टेशन पर आन्दोलन को अंजाम देने के अभियोग में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रघुनाथपुर के न्यायालय में पानमनी बेसरा, अभिराम बेसरा अध्यक्ष, आधार सोरेन, सकुलदेव हेम्ब्रम एवं अन्य समर्थकों के खिलाफ मामला दायर किया गया है.
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