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कोल इंडिया :हाजिरी बना भागनेवालों की अब खैर नहीं
मिशन 2020 में 1000 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है निर्धारित दसवें राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते के बाद कोल इंडिया प्रबंधन ने कंपनी के प्रदर्शन को बेहतर करने की दिशआ में युद्धस्तर पर कार्यशुरू कर दिया है. इसके लिए प्रबंधन के स्तर से लागत खर्च में कटौती के साथ ही कर्मियों को कार्य के […]
मिशन 2020 में 1000 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है निर्धारित
दसवें राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते के बाद कोल इंडिया प्रबंधन ने कंपनी के प्रदर्शन को बेहतर करने की दिशआ में युद्धस्तर पर कार्यशुरू कर दिया है. इसके लिए प्रबंधन के स्तर से लागत खर्च में कटौती के साथ ही कर्मियों को कार्य के प्रति प्रतिबद्ध करने के लिए फरमान जारीकिया गया है.
असनसोल. समय के साथ देश के सार्वजनिक प्रतिष्ठान कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) के चहुंओर धीरे-धीरे बदलाव के संकेत दिखने लगे हैं. मौजूदा वर्क कल्चर को बदलने के लिए कोयलामंत्री पीयूष गोयल एवं कोल सचिव सुशील कुमार से बातचीत करने के बाद कंपनी के प्रभारी अध्यक्ष गोपाल सिंह ने सख्ती बरतने का निर्णय लिया है. वे उत्पादन बढ़ाने की दिशा में इस पहल को जरूरी मानते हैं. इसी आलोक में मिशन 2020 में 1000 मिलियन टन कोयला उत्पादन क रने का लक्ष्य रखा गया है. चालू वित्तीय वर्ष में कोल इंडिया का उत्पादन लक्ष्य 600 मिलियन टन है.
वीआरएस पर दोबारा विचार
कोल इंडिया की घाटे में चलनेवाली 37 भूमिगत खदानों को बंद करने का निर्णय लेने के बाद भूमिगत खदानों के कामगारों के लिए एक बार फिर से वीआरएस लाने पर विचार हो रहा है.
संडे ओटी बंद हो रहे हैं. बिजली, डीजल तथा एक्सप्लोसिव के मद में करोड़ों रूपये की फिजूलखर्ची पर रोक लग रही है. अनुकंपा पर तथा मेडिकल अनफिट वाले नियोजन भविष्य में बंद करने की योजना है. उन्होंने दावा किया कि कोल इंडिया में कामचोरी आसान नहीं होगी.
2022 तक रह जायेंगे एक लाख कर्मी
फिलहाल कोल इंडिया में करीब सवा तीन लाख स्थायी कर्मचारी व श्रमिक कार्यरत हैं. वर्ष 2022 तक कोयला कर्मियों की संख्या सवा लाख तक सीमित हो जायेगी. इस उद्योग में उत्पादन की 90 फीसदी जिम्मेवारी आउटसोर्सिग पर होगी. फिलहाल 60 से 70 फीसदी उत्पादन आउटसोर्सिग से ही हो रहा है.
प्रबंधन का मानना है कि अब समय मजदूरों को बैठा कर वेतन देने का नहीं है. सरकार भी ऐसे मामलों पर काफी सख्त है. बीएमएस नेता सह जेबीसीसीआई सदस्य डॉ बीके राय का भी कहना है कि अब मजदूर व यूनियन नेताओं को काम करना होगा. अगर चालू वित्तीय वर्ष में मजदूरों ने छह सौ मिलियन टन कोयवा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया तो उन्हें अप्रैल 2018 में बड़ा उपहार मिलेगा.
कार्य संस्कृति को लेकर गंभीरता है जरूरी
कोल इंडिया के प्रभारी चेयरमैन श्री सिंह ने यह भी माना कि डय़ूटी से बचने के लिए कोयला कर्मियों द्वारा तरह-तरह की बहानेबाजी करने के साथ ही श्रमिक संगठनों का दामन थाम रखा है ताकि उन्हें काम नहीं करना पड़े. उन्होंने इसीएल सहित सभी कोयला कंपनियों के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) तथा कार्मिक निदेशक (डीपी) को काम नहीं करनेवालों से सख्ती से निपटने को कहा है. कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों में कथित श्रमिक नेताओं तथा कर्मियों में डय़ूटी में ढ़िलाई की बढ़ती प्रवृत्ति से उत्पादन पर पड़नेवाले असर से प्रभारी चेयरमैन काफी चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की डय़ूटी में ढ़िलाई अन्य कर्मियों को भी प्रभावित कर रही है.
सीआइएल के प्रभारी चेयरमैन श्री सिंह ने इसीएल सहित सभी कोयला कंपनियों के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) तथा कार्मिक निदेशक (डीपी) को काम नहीं करनेवाले कर्मचारियों से सख्ती से निपटने का फरमान जारी किया है. उन्होंने ऐसे कर्मियों को चिन्हित तक कार्रवाई करने को कहा है. निर्देशित किया है कि महाप्रबंधक सहित परियोजना प्रमुख तथा एरिया कार्मिक प्रबंधकों से पूछे कि डय़ूटी के समय वे ऐसे लोगों से क्यों मिलते हैं?
उन्होंने फरमान को अमल में लाने के लिए औचक निरीक्षण की जिम्मेवारी मुख्यालय से लेकर एरिया स्तर के अधिकारियों को दी है. इसके लिए टीम बना कर हाजिरी जांच सहित डय़ूटी स्थल की जांच, डय़ूटी के समय कहीं आंदोलन करने, बैठक में शामिल होने, अधिकारियों से कार्य स्थल से दूर जाकर अन्य विषयों पर बात करने की जांच करने को कहा गया है.
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