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एनएचएआइ अभियंता के खिलाफ प्राथमिकी

चांदा मोड़ से बिना पूर्व सूचना के हटायी गयी काजी नजरूल की प्रतिमा, रखा मैदान में नगर निगम प्रशासन ने प्रतिमा को पुनर्स्थापित करने के लिए मांगी थी एकमुश्त राशि केएनयू के कुलपति डॉ साधन चक्रवर्ती सहित एमएमआइसी पूर्णशशि ने भी किया विरोध संबंधित ठेका कंपनी से पूर्ण विवरण मांगेगे विभागीय अधिकारी, घटना को बताया […]

चांदा मोड़ से बिना पूर्व सूचना के हटायी गयी काजी नजरूल की प्रतिमा, रखा मैदान में
नगर निगम प्रशासन ने प्रतिमा को पुनर्स्थापित करने के लिए मांगी थी एकमुश्त राशि
केएनयू के कुलपति डॉ साधन चक्रवर्ती सहित एमएमआइसी पूर्णशशि ने भी किया विरोध
संबंधित ठेका कंपनी से पूर्ण विवरण मांगेगे विभागीय अधिकारी, घटना को बताया दु:खद
आसनसोल. राष्ट्रीय राजमार्ग दो के चांदा मोड स्थित कवि काजी नजरूल इस्लाम की प्रतिमा को नगर निगम मुख्यालय को सूचित किये बिना हटाये जाने के विरोध में आसनसोल नगर निगम मुख्यालय ने मंगलवार को नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के इंजीनियर के खिलाफ जामुड़िया थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी.
ज्ञात हो कि एनएच के सिक्स लेन विस्तार के तहत शनिवार की देर रात एनएचएआइ द्वारा चांदा मोड़ स्थित कवि नजरूल की प्रतिमा को क्रेन से उठाकर निकटवर्ती मैदान में रख दिया गया था. सुबह प्रतिमा को उसके स्थान पर न पाकर स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी स्थानीय पार्षद को दी. स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश था.
मेयर जितेंद्र तिवारी ने कहा कि कवि नजरूल के प्रति लोगों में आस्था और काफी सम्मान है. नजरूल प्रतिमा को बिना किसी पूर्व सूचना के ही हटा दिया गया. यह दु:खद है. अनुमति ली जानी चाहिए थी.
नगर निगम प्रशासन ने एनएचएआइ स्तर से बिना किसी सूचना के नजरूल प्रतिमा को वहां से हटाये जाने को लेकर आपत्ति जताते हुए कार्रवाई का निर्णय लिया.
मंगलवार को एनएचएआइ के इंजीनियर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. नगर निगम प्रवक्ता ने कहा कि तत्कालीन जामुड़िया नगरपालिका ने नजरूल प्रतिमा स्थापित की थी. वह नगर निगम की संपत्ति है. शिक्षण संस्थानों, शिक्षा जगत से जुड़े लोगों एवं जनसाधारण के बीच कवि नजरूल को लेकर गहरी आस्था एवं सम्मान है.
एनएचएआइ को प्रतीमा हटाये जाने से पूर्व नगर निगम को आधिकारिक स्तर से सूचित किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि निगम स्तर से एनएचएआइ को प्रस्ताव देकर राशि भुगतान करने को कहा गया था. प्रतिमा को वहां से हटाकर चांदा में ही उपयुक्त स्थान पर स्थापित करने की योजना थी. परंतु एनएचएआइ निगम के प्रस्ताव पर चुप्पी साधे रखा और शनिवार को गुपचुप तरीके से नजरूल प्रतिमा को हटा दिया. एनएचएआइ के प्रोजेक्ट निदेशक (दुर्गापुर) अरविंदम हेडिंक ने कहा कि प्राथमिकी के बारे में कोई सूचना नहीं है. एनएचएआइ सड़क विस्तार का काम ठेकेदार के माध्यम से करती है.
नजरूल प्रतिमा को हटाया जाना जरूरी था. नजरूल प्रतिमा को हटाने में स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने ही सहयोग किया है. 25 सितंबर से पूजा आरंभ हो रहा है. पूजा में एनएच पर होने वाले ट्रॉफिक को देखते हुए प्रतिमा को हटाया जाना जरूरी था. ताकि दुर्घटना को टाला जा सके. काजी नजरूल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ साधन चक्रवर्ती ने घटना को बेहद दुर्भाग्यजनक बताते हुए इसकी निंदा की है.
उन्होंने कहा कि कवि नजरूल देश ही नहीं विदेशों में भी सम्मानित और श्रद्धेय हैं. इस तरह से उनकी प्रतिमा को हटाना नहीं चाहिए था. नगर निगम प्रशासन से नजरूल प्रतिमा को ससम्मान स्थापित करने की मांग करते हैं.
मेयर परिषद सदस्य (जल सप्लाई) पूर्णशशि राय ने कहा कि एनएचएआइ ने बहुत ही गलत कार्य किया है. जितनी निंदा की जाये, कम है. नजरूल प्रतिमा जामुडिया पौर सभा ने स्थापित की थी. अब वह आसनसागल नगर निगम की संपत्ति है. एनएचएआइ को जवाब देना होगा.

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