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कपड़ा व्यापारियों ने बंद रखी दुकानें

दुर्गापुर : केंद्र सरकार द्वारा कपडा पर जीएसटी लगाने के विरोध में बुधवार को दुर्गापुर के कपड़ा व्यापािरयों ने अपनी दुकाने बंद कर विरोध प्रदर्शन किया. ऑल इंडिया चैंबर ऑफ टेक्सटाइल के बैनर तले देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के साथ कदम से कदम मिलाते हुये दुर्गापुर के कपडा व्यापारियों ने भी विरोध का रास्ता अिख्तयार कर […]

दुर्गापुर : केंद्र सरकार द्वारा कपडा पर जीएसटी लगाने के विरोध में बुधवार को दुर्गापुर के कपड़ा व्यापािरयों ने अपनी दुकाने बंद कर विरोध प्रदर्शन किया. ऑल इंडिया चैंबर ऑफ टेक्सटाइल के बैनर तले देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के साथ कदम से कदम मिलाते हुये दुर्गापुर के कपडा व्यापारियों ने भी विरोध का रास्ता अिख्तयार कर िलया.
दुर्गापुर में कपडा व्यापारियों का एक बड़ा वर्ग सरकार के इस फैसले के खिलाफ दिख रहा है. दुर्गापुर के बेनाचिति, चंडीदास, मेनगेट, आशिष मार्केट, स्टेशन बाजार, सिटी सेंटर, मायाबाजार सहित आस-पास के इलाके के बाजारों में कपडों की दुकानें बंद रहीं. इससे खरीदारों को काफी असुविधा का सामना करना पडा. शादी, विवाह तथा तीज, त्यौहार के इस मौके पर कपड़े की दुकान बंद रहने से लोग परेशान दिखे.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार एक जुलाई से देश भर में जीएसटी लागू कर रहा है. देशभर में व्यापारियों का विभिन्न तबका इसका िवरोध कर रहा है. जीएसटी के िवरोध में कपड़ा व्यापारी 27 जून से ही देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
बताया जाता है कि जीएसटी के लागू होने से कपड़ा व्यापारियों को पांच से 18 फीसदी तक कर चुकाना होगा. दरअसल, उत्पाद पर पहले टैक्स नहीं था. मसलन कंबल, चादर, सोफा कवर, परदा, तकिया कवर, पायदान, सोफा पैनल, कुरसी के कपड़े, गद्दे, रजाई कवर टैक्स से बाहर थे. व्यापारी धागे पर तो टैक्स देते रहे थे लेकिन प्रोडक्ट पर कोई टैक्स नहीं था.
व्यापारियों ने सरकार से मांग की है कि जीएसटी को कपड़े पर लागू न िकया जाये. दुर्गापुर के कपड़ा व्यापािरयों का कहना है िक पहले ही व्यापार में काफी मंदी का सामना करना पड़ रहा है. काम न होने से व्यापारी परेशान हैं. ऊपर से जीएसटी के लागू होने से व्यापारियों की कमर टूट जायेगी. उन्होंने कहा कि कानून के लागू होने से बेरोजगारी बढ़ने के साथ-साथ अफसरशाही भी हावी हो जायेगी. कभी कागजी कार्रवाई नहीं करने से व्यापारी डरे हुये हैं.

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