मालदा. अपनी बूढ़ी मां को घर से निकालने का आरोप पेशे से पुलिसकर्मी एक बेटे पर लगा है. इंगलिश बाजार थाने की पुलिस ने वृद्धा की प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की. बाद में डिस्ट्रिक्ट लीगल सेल ने वृद्धा को सहारा दिया और पुलिस कर्मचारी बेटे को बुलाकर माफी मंगवायी. इसके अतिरिक्त मां का पूरा खर्च वहन करने का निर्देश दिया. यह घटना मालद शहर के माधव नगर इलाके में घटी है. पीड़ित वृद्धा का नाम कविता झा (55) है.
मानिकचक थाना अंतर्गत धरमपुर गांव में उनका पुस्तैनी मकान है. उन्होंने बताया कि उनके पति कामदेव झा पुलिस अधिकारी थे. कुछ वर्ष पहले ऑन ड्यूटी उनकी मौत हो गयी. परिवार में दो बेटे व एक बेटी है. बड़ा बेटा सिलीगुड़ी के एक निजी कंपनी में कार्यरत है. बेटी का विवाह हो चुका है. पिता की मौत के बाद छोटे बेटे संजित झा को उनके स्थान पर पुलिस की नौकरी मिल गयी. नौकरी मिलते समय बेटे ने मां की पूरी जिम्मेदारी उठाने का वादा किया था. नौकरी मिलने के बाद किया वादा भूल गया.
कविता देवी ने बताया कि शुरुआत में वह दो हजार रुपया प्रतिमाह दिया करता था . पिछले कुछ महीने से वह भी देना बंद कर दिया है. इसके बाद घर में अत्याचार शुरु कर दिया. उन्होंनें अपनी कुछ जमापूंजी भी छोटे बेटे को सौंपी थी. उन सब रुपयों को लेकर उसने मालदा शहर में एक नया घर बनाया . अब मां के साथ रहने को तैयार नहीं है. मां के साथ इस प्रकार की घटना होने की जानकारी मिलते ही बड़ा बेटा सिलीगुड़ी से मालदा पहुंचा. उसने बताया कि छोटा भाई मां पर काफी अत्याचार कर रहा है. उसके खिलाफ इंगलिश बाजार थाने की महिला सेल में प्राथमिकी दर्ज कराने गया था . पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया. बाद में वह मां को लेकर डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस के दरवाजे पर पहुंचा.
डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस के सचिव प्रदीप कुमार गांगुली ने बताया कि दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद प्रतिमाह चार हजार रुपये देने का करार पुलिस कर्मचारी छोटे बेटे ने की है. संजित झा अपनी मां से माफी मांग ली है. उसने आगे से खराब व्यवहार नहीं करने का भी भरोसा दिया है.