कोलकाता: एक बार फिर कोलकाता से करोड़ों रुपये का सोना जब्त हुआ है. इस मामले में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से करीब 3.47 करोड़ रुपये के सोना के 70 बिस्कुट बरामद हुए हैं. जब्त बिस्कुटों का कुल वजन करीब 11.65 किलोग्राम है.
डिलीवरी करने आये थे कोलकाता
डीआरआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया गया है कि सोना के बिस्कुट म्यांमार से भारत लाये गये थे. गिरफ्तार दोनों तस्कर मिजोरम के चंफाई इलाके के निवासी हैं. प्राथमिक जांच के अनुसार दोनों को सोना के बिस्कुट म्यांमार मूल के एक व्यक्ति ने दिया था. उन्हें इसकी डिलीवरी कोलकाता में एक व्यक्ति को करनी थी. दोनों कुछ दिन पहले ही कोलकाता आये थे और सियालदह के पास स्थित एक होटल में ठहरे थे. गुप्त सूचना पाकर डीआरआइ अधिकारी होटल पहुंचे और दोनों को पकड़ लिया.
तस्करी का ट्रांजिट प्वाइंट बन गया है सिलीगुड़ी
सूत्रों के अनुसार नोटबंदी के बाद अवैध तरीके से सोना बेचने और बाहर भेजने की बात सामने आयी थी. जब हालात सुधरने लगे तब सोना तस्करी की कई घटनाएं सामने आयीं, जिसके तार सिलीगुड़ से जुड़े थे. सोना तस्करी से जुड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह ने सिलीगुड़ी को ट्रांजिट प्वाइंट बना लिया है. इसकी खास वजह है कि सिलीगुड़ी पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार और कई अंतरराष्ट्रीय व अंतरराज्यीय सीमाओं से सटा है.
26.89 करोड़ का सोना जब्त
एजेंसी के अधिकारियों ने इस साल म्यांमार से तस्करी के जरिये लाये गये कुल 93.35 किलोग्राम सोना की छड़, बिस्कुट जब्त किये हैं, जिसकी कीमत 26.89 करोड़ रुपये आंकी गयी है. इस सिलसिले में कुल 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
कोलकाता व निकटवर्ती इलाकों में बढ़ी तस्करी
डीआरआइ कोलकाता और आसपास के इलाकों से नियमित रूप से सोना जब्त कर रहा है. चार अप्रैल को डीआरआइ, कोलकाता जोनल शाखा की टीम ने बिराटी स्थित एक फ्लैट से 13.99 किलो सोना जब्त किया था. इसकी कीमत करीब 4.8 करोड़ रुपये थी. इस मामले में नागेरबाजार के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी भी हुई थी. इसके पहले 15 मार्च को मल्लागुड़ी से शिलांग की एक बोल्वो बस से अंतरराष्ट्रीय गिरोह के चार तस्करों को पकड़ा था. उनके पास से 11.5 किलो सोना के बिस्कुट और बार बरामद हुए थे, जिनका मूल्य भारतीय बाजार में साढ़े तीन करोड़ से भी अधिक आंका गया. इन तस्करों की योजना सोना की इतनी बड़ी खेप को सिलीगुड़ी के अलावा कोलकाता एवं दिल्ली में खपाने की थी.