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नोट बंदी के बाद हुआ इजाफा, नहीं थम रही सिलीगुड़ी में सोने की तस्करी

सिलीगुड़ी:सोना तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है. नोटबंदी के बाद से ही सोना तस्करी में काफी इजाफा हुआ है. लगातार हो रही सोना तस्करी को लेकर जहां शासन-प्रशासन की नींद उड़ गयी है वहीं, सुरक्षा एजेंसी भी सकते में है. केंद्रीय खुफिया राजस्व निदेशालय (डीआरआइ) की सिलीगुड़ी विंग ने ही मात्र दो महीने […]

सिलीगुड़ी:सोना तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है. नोटबंदी के बाद से ही सोना तस्करी में काफी इजाफा हुआ है. लगातार हो रही सोना तस्करी को लेकर जहां शासन-प्रशासन की नींद उड़ गयी है वहीं, सुरक्षा एजेंसी भी सकते में है. केंद्रीय खुफिया राजस्व निदेशालय (डीआरआइ) की सिलीगुड़ी विंग ने ही मात्र दो महीने में तीन-चार बार मुहिम चलाकर अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े दर्जनों तस्करों को रंगे हाथों धर दबोचा. साथ ही करोड़ों रूपये की कीमत के अवैध सोने की बिस्किट भी बरामद किये.

विश्वस्त सूत्रों की माने तो नोटबंदी के बाद भी भारत में कालाबाजारी नहीं थमी है. भारतीय धन कुबेरों ने कालाबाजारी का नया रास्ता इख्तियार कर लिया है. कारोबारी अब अवैध सोने के जरिये अपने काले धन को सफेद करने लगे हैं. इसी वजह से हाल के दिनों में भारतीय बाजार में विदेशी सोने की मांग में अचानक काफी इजाफा हो गया है.

इन मुहिमों के बाद डीआरआइ की ओर से कई अहम खुलासे किये गये हैं. डीआरआइ के आधिकारिक सूत्रों की माने तो अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरोह ने सिलीगुड़ी को ट्रांजिट प्वाइंट बना लिया है. वजह सिलीगुड़ी पूर्वोत्तर राज्य का प्रवेश द्वार ही नहीं बल्कि सबसे महत्त्वपूर्ण शहर भी है. कई अंतरराष्ट्रीय सीमाओं भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, और अंतरराज्यीय सीमाओं असम, सिक्किम, बिहार से काफी नजदीक भी है. इतना ही नहीं सिलीगुड़ी से देश-दुनिया में कहीं भी जाने के लिए सारी सुविधाएं भी सुगमता से उपलब्ध है. डीआरआइ ने और भी कई राज खोलते हुए बताया है कि सोना तस्करी के लिए अंतरराष्ट्रीय गिरोह पूर्वोत्तर राज्यों के निवासियों को अपना मोहरा बना रहे हैं. सोने के बिस्किट एक जगह से दूसरे जगह पुहंचाने के लिए उनसे कैरियर का काम कराया जा रहा है. इसके लिए इनको मोटी रकम दी जाती है. साथ ही तस्करी के दौरान सोने के बिस्किटको छुपाने का भी तस्करों ने फिल्मी फंडा शुरू किया है. जूतों के सोल में सोने के बिस्किटों को बड़े ही शातिर तरीके से छुपाकर बड़ी आसानी से तस्करी कर रहे हैं. इनका खुलासा हाल के दिनों में डीआरआइ द्वारा चलायी गयी मुहिम के बाद हुआ है. हर मुहिम में ही तस्करों द्वारा एक ही तर्ज पर सोने की तस्करी को अंजाम दिया जा रहा था. हर बार ही पूर्वोत्तर राज्यों के निवासी ही डीआरआइ के हत्थे चढ़े. डीआरआइ की सबसे ताजा मुहिम में भी शुक्रवार को शिलांग-सिलीगुड़ी रूट की एक गैर-सरकारी बस से मिजोरम की रहनेवाली दो महिला समेत पांच तस्करों दारथिंगी (62), स्वापगांगी (20), संघलूना (42), लालनचुंगा (22) व कंगलीना (35) को सोने की बड़ी खेप के साथ रंगेहाथ पकड़ा गया. गहन तफ्तीश के बाद डीआरआइ को इनके जूतों के सोल से 79 पीस सोने के बिस्किट बरामद हुए. बरामद सोने के कुल वजन 21 किलो 538.500 ग्राम है. जिनका अंतरराष्ट्रीय बाजार में 6.67 करोड़ रूपये कीमत है. सोने की यह खेफ म्यांमार के रास्ते इंफाल, असम फिर सिलीगुड़ी पहुंची. यहां से दिल्ली व अन्य शहरों में तस्करी की योजना थी. इससे पहले भी गिरफ्तार पांचों तस्कर सोने की तस्करी को अंजाम दे चुके हैं.

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