मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 39 स्थित हैदरपाड़ा निवासी देवाशीष सिंह ने अपनी पत्नी को प्रसव के लिये सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भरती कराया था. सोमवार को प्रसव पीड़ा होने पर प्रसूता को अस्पताल में भरती कराया गया. मंगलवार तक बच्चे का जन्म नहीं होने पर प्रसूता को डिस्चार्ज कर दिया गया. मंगलवार की रात फिर से प्रसव पीड़ा शुरु होने पर उसे सिलीगुड़ी अस्पताल में भरती कराया गया. बुधवार की सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर प्रसूता ने एक बच्चे को जन्म दिया. उसके कुछ ही देर बाद डॉक्टरों ने बच्चे के होने की बात कही. बच्चे की मौत की खबर सुनते ही परिवार गुस्से से लाल हो गया और हंगामा करने लगे. देवाशीष सिंह ने बताया कि वह पेशे से टोटो चालक है.
बुधवार की सुबह बच्चे के जन्म के बाद डॉक्टर और नर्स ने जच्चा और बच्चा दोनों के स्वस्थ होने की जानकारी दी. कुछ ही देर बाद बच्चे की मौत की खबर दी गयी. देवाशीष का आरोप है कि जन्म के बाद डॉक्टर या नर्स के हाथ से बच्चा फर्श पर गिर गया. जिसकी वजह से उसकी मौत हुयी है. घटना के कुछ ही देर में अस्पताल का माहौल गरमा गया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिये सिलीगुड़ी थाने की पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा.
इस संबंध में सिलीगुड़ी जिला अस्पताल अधीक्षक अमिताभ मंडल ने बताया कि जन्म के नाल के फंसने से बच्चे की मौत हुयी है. फर्श पर गिरने का कोई प्रमाण नहीं मिला है. परिवार की ओर से लिखित आरोप मिलने पर मामले की जांच की जायेगी. आरोप प्रमाणित होने पर दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवायी भी की जायेगी.