सिलीगुड़ी: न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी) थाना की पुलिस ने हत्या के एक आरोप के आधार पर सिलीगुड़ी से सटे फूलबाड़ी-जुटियाकाली स्थित नारायणा स्कूल के पीछे बिना नामवाले एक चाय बागान की जमीन पर बनी कब्र को खुदवा कर एक बच्चे की हड्डियां निकलवायीं. पुलिस ने शनिवार को यह कब्र एक मजिस्ट्रेट मृत बच्चे के पारिवारिक सदस्यों, जमीन मालिक और स्थानीय ग्रामीणों की मौजूदगी में खुदवायी. इस दौरान जलपाईगुड़ी डीएम दफ्तर के डिप्टी मजिस्ट्रेट सौरूप बनर्जी ने मृत बच्चे के पिता सुरेश बर्मन उर्फ शुभ चंद्र, बड़े भाई भगीरथ बर्मन और जमीन के मालिक पक्ष की ओर से विश्वजीत सरकार का लिखित बयान भी लिया.
डिप्टी मजिस्ट्रेट ने मीडिया को बताया कि कल एनजेपी थाने में जमीन के मालिक पक्ष की ओर से विश्वजीत सरकार द्वारा हत्या का एक मामला दायर कराया गया है. दर्ज प्राथमिकी में जुटियाकाली निवासी सुरेश बर्मन पर 15 वर्ष पहले एक गंभीर रोग से पीड़ित अपने ही 12 वर्षीय बेटे की हत्या कर उनकी जमीन में दफनाने का आरोप है. इस हत्या में पूरे परिवार के सहयोग का भी आरोप है. श्री बनर्जी का कहना है कि कब्र से जो हड्डियां बरामद हुईं, वो अब पोस्टमार्टम कराये जाने की स्थिति में नहीं हैं. लेकिन इन हड्डियों की वह फॉरेंसिक जांच कराये जाने की रिपोर्ट पेश करेंगे.
थाने में शिकायत दायर करानेवाले विश्वजीत सरकार का कहना है कि जुटियाकाली में तकरीबन 60 एकड़ जमीन सिलीगुड़ी के मिलनपल्ली निवासी स्वर्गीय गौरांग दास व उनकी पत्नी पुतुल दास की है. जिसके वारिस उनके बेटे सोमेन दास हैं. जमीन की पावर ऑफ अटोर्नी उनको आठ महीने पहले दी गयी है. उनका कहना है कि कुछ दिनों पहले जब वह जमीन का मुआयना करने आये, तो जमीन के एक हिस्से में कब्र देख कर अचंभित हो उठे. खोज-खबर लेने पर ग्रामीणों ने जो जिस राज का खुलासा किया, उससे हत्या का मामला सामने आया.
विश्वजीत का कहना है कि उनकी जमीन के जिस हिस्से में कब्र है, वहां तकरीबन डेढ़ एकड़ से भी अधिक हिस्से पर सुरेश बर्मन ने दखल कर रखा है. सुरेश पर जबरन जमीन दखल करने का एक मामला उन्होंने एनजेपी थाने में तकरीबन पांच-छह महीने पहले दायर करा रखा है.
दूसरी ओर सुरेश ने अपने ऊपर लगाये गये सभी आरोपों को झूठा करार दिया. उन्होंने दावे के साथ कहा है कि उनके तीसरे बेटे निवारण की हत्या नहीं की गयी, बल्कि 15 वर्ष पहले जब वह 12 साल का था तभी एक पागल कुत्ते ने उसे काट लिया था. उसका इलाज उनलोगों ने झाड़-फूंक करनेवाले से कराया. इसके बावजूद निवारण को पागल कुत्ते के काटने से होनेवाली बीमारी जलभय (हाइड्रोफोबिया) हो गयी. उसकी मौत 2002 साल के मार्च महीने में हो गयी. हिंदुओं में नाबालिग बच्चे को मौत के बाद जलाने का रिवाज नहीं है इसलिए उन लोगों ने बेटे को सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में दिन के समय ही अपनी जमीन में दफनाया था. उन्होंने जमीन दखल करने के आरोपों को भी झूठा करार दिया.
श्री बर्मन का कहना है कि डेढ़ एकड़ से भी अधिक जमीन उन्होंने काफी अरसे पहले गौरांग दास से तकरीबन डेढ़ लाख रुपये में खरीदी थी. जिसका सभी वैध कागजात उनके पास मौजूद हैं. श्री बर्मन ने पलटवार करते हुए सोमेन दास और विश्वजीत सरकार पर उनकी जमीन हथियाने का आरोप लगाया है.