जलपाईगुड़ी: जलपाईगुड़ी व दार्जिलिंग जिले में शिशु तस्करी मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है. देश के सभी सरकारी और गैर सरकारी होम को माह के अंत में रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है. उक्त जानकारी नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राईट्स की सदस्या प्रियंका कन्नगो ने दी. उन्होनें बताया कि देश […]
जलपाईगुड़ी: जलपाईगुड़ी व दार्जिलिंग जिले में शिशु तस्करी मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है. देश के सभी सरकारी और गैर सरकारी होम को माह के अंत में रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है. उक्त जानकारी नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राईट्स की सदस्या प्रियंका कन्नगो ने दी.
उन्होनें बताया कि देश के सभी होमों को प्रत्येक माह दस तारीख तक एक रिपोर्ट केंद्र सरकार के महिला व बाल कल्याण मंत्रालय को भेजना होगा. मंगलवार को महिला व बाल कल्याण मंत्रालय की दो सदस्यों की एक टीम जलपाईगुड़ी पहुंची. शिशु तस्करी की जांच के लिये इन दोनों को भेजा गया है. जलपाईगुड़ी के सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि हमारे आने की जानकारी राज्य सरकार को भेजी जा चुकी है.
चाईल्ड वेलफेयर कमिटी के कागजात की जांच करने की बात भी राज्य सरकार व जिला प्रशासन को बताया जा गया है. इस टीम ने जलपाईगुड़ी स्थित कई होम का दौरा किया.इसबीच, शिशु तस्करी कांड में अब जिले के कुछ आला प्रशासनिक अधिकारियों के भी नपने की संभावना है. इस कांड में गिरफ्तार होने के बाद सस्पेंड जिला शिशु सुरक्षा अधिकारी सस्मिता घोष ने जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन के कुछ बड़े अधिकारियों का नाम दबे स्वर में ले लिया है.
खुद को निर्दोष बताते हुए श्रीमती घोष ने कहा कि कोई गलत काम नहीं किया है. उन्होंने सभी काम वरिष्ठ अधिकारियों के कहने पर की है. अगर कुछ गलत हुआ है तो उन अधिकारियों से भी पूछताछ होनी चाहिए. मंगलवार को जलपाईगुड़ी अदालत में पेशी के दौरान श्रीमती घोष ने उक्त बातें कही. सीआइडी ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी. अदालत ने सस्मिता घोष को सात दिन का रिमांड सीआइडी को दिया है.
सस्मिता घोष ने साफ कहा कि उन्होंने पूरी इमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वाह किया है. सभी कार्य जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार ही किया जाता है. यदि किसी कार्य में गलती हुयी है तो उन प्रशासनिक अधिकारियों से भी जिरह होनी चाहिए.